नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू किए जाने की अधिसूचना जारी होते ही यूपी में पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रदेश के सभी सवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती करते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उनके निर्देश पर शहरों के संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है।
डीजीपी ने कुछ दिनों पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी जिलों में तैनात सभी पुलिस अफसर को सीएए लागू होने की संभावना को लेकर सतर्क किया था। उन्होंने कहा कि सीएए लागू होने पर प्रदेश की कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़ने दी जाएगी। खुराफात करने वालों के लिए पुलिस के पास डंडा भी है और डाटा बेस भी है। इससे पहले उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत में भी कहा था कि कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए हमारी पूरी तैयारी पहले से है। यदि सीएए लागू किए जाने के संबंध में केंद्र सरकार अधिसूचना जारी करती है तो हर हाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाएगी। इस संबंध में समाज के सम्मानित लोगों और धर्मगुरुओं से बातचीत की जा रही है, क्योंकि बातचीत से हर समस्या का समाधान संभव है।
दिसंबर 2019 में सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देश भर में काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान यूपी में भी लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ व सहारनपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई थीं। हिंसा में नाम आने के बाद यूपी सरकार ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने बाद में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस हिंसा में पीएफआई के कई नेता और कार्यकर्ता गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। हिंसा के दौरान पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी हुई थी। सरकार की संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई दोषियों से करने के लिए कानून भी बनाया गया था।