उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग आखिरकार पूरी हो गई है. केंद्र सरकार ने गोरखपुर–पीलीभीत एक्सप्रेस को अब इज्जतनगर (बरेली) तक बढ़ा दिया है. गुरुवार को रेल भवन, नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने इस विस्तार को हरी झंडी दिखाकर शुरू किया. पहले यह ट्रेन लखीमपुर से गोरखपुर के बीच चलती थी, कुछ महीने पहले इसे पीलीभीत तक बढ़ाया गया था और अब इसे बरेली तक विस्तार दिया गया है.

सरकार का यह कदम यूपी के तराई क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. इससे न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर आवागमन मिलेगा, बल्कि कृषि, वन उपज, व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे.
क्यो था ट्रेन का इंतजार?
इज्जतनगर (बरेली) तक इस रूट का विस्तार स्थानीय जनता की कई सालों पुरानी मांग थी. इस क्षेत्र में लोग लंबे समय से सुविधाजनक रेल सेवा का इंतजार कर रहे थे, जिससे वे बड़े शहरों और महत्वपूर्ण बाजारों तक आसानी से पहुंच सकें. अब इस ट्रेन विस्तार से किसानों को अपनी कृषि और वन उपज को बड़े बाजारों तक भेजने में आसानी होगी. छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और कारोबारियों के लिए भी यह सुविधा बेहद राहत देने वाली है.
सरकार का कहना है कि यह ट्रेन विस्तार यूपी के तराई क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को तेज गति देगा. इससे छोटे कस्बों और गांवों को बड़े शहरों से बेहतर संपर्क मिलेगा और यहां के लोगों को नए अवसर मिलेंगे.
यूपी में रेल विकास का नया रिकॉर्ड
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2014 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुए ऐतिहासिक रेलवे विकास की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 5,272 किलोमीटर नई रेल लाइनें बनाई जा चुकी हैं, जो स्विट्ज़रलैंड की पूरी रेल नेटवर्क से भी ज्यादा है. पूरे यूपी में 100% रेल विद्युतीकरण हो चुका है. 1,660 फ्लाईओवर और अंडरब्रिज बनाए गए हैं, जिससे ट्रैफिक और रेल सुरक्षा में बड़ी सुधार हुआ है.
यही नहीं, यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के 771 रेलवे स्टेशनों पर Wi-Fi, 154 लिफ्ट, 156 एस्केलेटर लगाए जा चुके हैं.
बदला गया ट्रैवल एक्सपीरिएंस
रेल मंत्री ने बताया कि आज यूपी में 34 वंदे भारत एक्सप्रेस और 26 अमृत भारत एक्सप्रेस चल रही हैं. इससे यात्रियों को तेज, आरामदायक और आधुनिक रेल सफर का अनुभव मिल रहा है. पिछले 11 सालों में 48 लंबित परियोजनाएं पूरी हुईं, जिनमें लखनऊ–पीलीभीत गेज परिवर्तन, पीलीभीत–शाहजहांपुर गेज परिवर्तन और बरेली–टनकपुर गेज परिवर्तन जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जिन्हें कई सालों से प्रगति का इंतजार था.
18 गुना बजट बढ़ा
रेल मंत्री के अनुसार यूपी का रेलवे बजट 2014 से पहले जहां केवल ₹1,109 करोड़ था, वहीं अब यह बढ़कर ₹19,858 करोड़ हो चुका है. यह वृद्धि 18 गुना से भी अधिक है. राज्य के 157 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत आधुनिक बनाया जा रहा है. इनमें पश्चिम और उत्तर यूपी के 48 बड़े स्टेशन भी शामिल हैं जैसे मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बुलंदशहर, गढ़मुक्तेश्वर, गाज़ियाबाद, मेरठ सिटी, मोदीनगर, रामघाट, बिजनौर, धामपुर, मुरादाबाद, नजीबाबाद, पीलीभीत, बरेली आदि.
इनमें से 10 स्टेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहले ही उद्घाटन किए जा चुके हैं. बाकी स्टेशनों का कार्य तेजी से चल रहा है.
तराई क्षेत्र को क्या फायदा मिलेगा?
⦁ तराई क्षेत्र में बेहतर रेल कनेक्टिविटी का विकास होगा.
⦁ कृषि और वन उत्पादों की बड़े बाजारों तक पहुंच आसान होगी.
⦁ पर्यटन को नए अवसर मिलेंगे.
⦁ रोजगार के मौके बढ़ेंगे.
⦁ छात्रों और मरीजों की आवाजाही बेहतर होगी.












