उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। बारिश की वजह से एक बार फिर लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच कन्नौज जिले में लगातार हो रही रिमझिम बारिश कच्चे मकानों के लिए आफत बनी हुई है। कच्चे मकान भरभराकर गिर रहे हैं। एक गांव में बीती रात कच्ची छत गिरने से मलबे में दबने से परिवार के दो बच्चों की मौके पर मौत हो गई जबकि एक घायल हो गया। इस हादसे के बाद गांव में मातम छा गया।
परिजनों में मचा कोहराम
जानकारी के मुताबिक, कन्नौज जिले के एक गांव में बीती रात कच्ची छत गिरने से मलबे में दबने से परिवार के दो बच्चों की मौके पर मौत हो गई जबकि एक घायल हो गया। आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और कड़ी मशक्कत कर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। इसकी सूचना एंबुलेंस व पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची एंबुलेंस से गांव के लोग सभी को उपचार के लिए हसेरन सीएससी ले आए। चिकित्सक ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया, वहीं एक को उपचार के लिए तिर्वा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया।
बारिश की वजह से अलर्ट मोड पर है प्रशासन
बता दें कि यूपी में जाते हुए मानसून खूब बरस रहा है। राहत विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सिद्धार्थ नगर, बदायूं, बलिया, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, गोंडा और कुशीनगर सहित कई जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर या उसके करीब बह रही हैं। विभाग ने बताया कि ये जिले या तो राज्य के तराई क्षेत्र में आते हैं या निचले हिमालयी क्षेत्र के जलग्रहण क्षेत्र में हैं जिसकी वजह से नेपाल और उत्तराखंड में बारिश के असर यहां होता है। जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए राहत विभाग के साथ-साथ जिले में स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है। गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया,‘‘पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के बाद हम सतर्क हैं। हमारे बाढ़ चौकियों और बाढ़ आश्रय स्थलों पर तैनात कर्मचारी सतर्क हैं। उन्हें स्थिति पर सक्रिय रूप से नज़र रखने के लिए कहा गया है।”