संचार नाउ। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) ने यात्रियों की लास्ट माइल कनेक्टिविटी को आसान और सुगम बनाने के लिए रैपिडो के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस अनुबंध के तहत एयरपोर्ट परिसर में 24 घंटे रैपिडो टैक्सी और बाइक टैक्सी सेवा उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी। एयरपोर्ट से लेकर अंतिम मंज़िल तक की यह सेवा यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और तनाव मुक्त यात्रा का अनुभव देगी।

दरअसल, इस पहल से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल आधुनिक हवाई सेवाओं का केंद्र बनेगा, बल्कि यात्रियों को घर से गेट और गेट से घर तक एक सहज, सुरक्षित और स्मार्ट यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगा। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) ने इस समझौते के जरिए एयरपोर्ट परिसर में एक समर्पित पिकअप जोन स्थापित करने की योजना बनाई है, जहां से यात्री सीधे रैपिडो राइड ले सकेंगे। रैपिडो एप के माध्यम से यात्री रियल टाइम ट्रैकिंग, अनुमानित यात्रा समय की जानकारी और डिजिटल भुगतान की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
एयरपोर्ट कब होगा शुरू?
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अंतिम चरण में है। निर्माण कार्य सितंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है और नवंबर 2025 से यहां से यात्री सेवाएं शुरू होने की संभावना है। एयरपोर्ट प्रबंधन का मानना है कि रैपिडो जैसी सुविधाएं शुरू होने से यात्रियों को एयरपोर्ट आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
यात्रियों को क्या होगा फायदा?
इस सेवा के जरिए यात्रियों को चौबीसों घंटे आवागमन की सुविधा मिलेगी। रैपिडो एप में आपातकालीन बटन, सुरक्षित राइड फीचर, यात्रा विकल्प और समय पर पिकअप की गारंटी जैसी विशेषताएं शामिल होंगी। यह सेवा न केवल यात्रियों के लिए समय की बचत करेगी, बल्कि उन्हें भरोसेमंद परिवहन का विकल्प भी देगी।
ऑन-ग्राउंड सहायता और वे फाइंडिंग गाइड्स
यात्री एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद रैपिडो राइडर्स की मदद से अपनी आगे की यात्रा आसानी से शुरू कर सकेंगे। एयरपोर्ट परिसर में वे फाइंडिंग गाइड्स और ऑन-ग्राउंड सहायता टीम भी मौजूद होगी, जिससे नए यात्रियों को सही पिकअप पॉइंट और राइड की जानकारी में कोई दिक्कत न हो।
कनेक्टिविटी को लेकर अन्य अनुबंध
YIAPL ने एयरपोर्ट को सुचारु कनेक्टिविटी देने के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों के साथ अनुबंध किए हैं। रैपिडो के साथ किया गया यह समझौता लास्ट माइल कनेक्टिविटी की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।