गौतमबुद्ध नगर जिले में परिवहन विभाग एक्शन मोड में है। लगभग 2000 ऑटोरिक्शा बाहर कर दिए गए हैं। इन सभी ऑटो के रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार, फिटनेस और परमिट नहीं होने के कारण ये कार्रवाई की गई है। परिवहन विभाग के अनुसार, गौतमबुद्ध जिले में लगभग 19 हजार ऑटो रजिस्टर्ड हैं। इनमें लगभग दो हजार ऑटो 2000 ऑटो रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा पिंक ऑटो रजिस्टर्ड हैं।

जानकारी के अनुसार, किसी भी व्यावसायिक वाहन के लिए फिटनेस और परमिट जरूरी होती है। अगर वाहन की फिटनेस नहीं होगी, तो वो दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। इन वाहनों में सफर करने वाले लोगों के लिए जोखिम साबित हो सकता है। इसके कारण इन ऑटोरिक्शा का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं अगर डॉक्यूमेंट्स पूर् नहीं हुए, तो रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
इस बारे में एआरटीओ डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि जो वाहन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वाहनों के खिलाफ एक्शन लेने से पहले वाहन मालिकों को नोटिस कर उन्हें समस्या ठीक करने के लिए कहा जाता है। अगरल वाहन मालिक उन खामियों तो ठीक कर लेता है, तो ठीक है। अगर समस्या का समाधान नहीं कराता है, तो उस वाहन के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
इसके बाद सड़कों पर बिना फिटनेस और परमिट के दौड़ने वाले वाहनों को सीज कर दिया जाता है। अगर किसी वाहन का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड किया गया है और वो सड़कों पर दौड़ता नजर आता है, तो प्रवर्तन निदेशालय की टीम जांच अभियान के दौरान ऐसे वाहनों को सस्पेंड कर देती है।
जानकारी के अनुसार, अब ऑटो चालक सीएनजी ऑटो छोड़कर इलेक्ट्रिक ऑटो की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इलेक्ट्रिक ऑटो के लिए परमिट की पाबंदी नहीं है। इलेक्ट्रिक ऑटो कहीं भी चलाए जा सकते हैं। इलेक्ट्रिक ऑटो चालकों को रोड टैक्स नहीं देना होता। वहीं सीएनजी वाले ऑटो को जिले से 5 स्थानों पर वाहन चलाने का परमिट दिया जाता है। ये ऑटो परमिट जारी स्थल से 16 किलोमीटर के दायरे में चल सकते हैं। अगर कोई ऑटो चालक इस दायरे से बाहर जाता है, तो ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग उनका चालान कर सकती है। सीएनजी ऑटो चालकों की तरफ से लंबे समय से ‘एक जिला-एक परमिट’ की मांग की जा रही है।













