उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के राजपुर चुंगी स्थित उखर्रा (सदर) में बुधवार देर शाम को घर में सेवानिवृत्त फौजी धीरज गुर्जर ने 16 वर्षीय बेटे विवेक की गोली मारकर हत्या कर दी। आरोप है कि पिता नशे में था। घरवालों को गाली दे रहा था। बेटे ने ऊंची आवाज में बोलने से मना किया। घर के अंदर जाने के लिए कहा था। आरोपी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस टीम लगाई गई है। एसीपी सदर डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि धीरज शराब पीने का आदी है। बुधवार सुबह भी शराब पीकर आया था। इस बात पर घर में झगड़ा हो गया। शाम को 7 बजे भी गाली दे रहा था। उस समय बेटा विवेक भैंस को सानी लगा रहा था। उसने पिता को गाली देने से मना किया। कहा कि घर के अंदर जाओ। यहां पर सब लोग देख रहे हैं। इस पर वो और गाली देने लगा। बेटा तेज आवाज में पिता को बोलने लगा।
आपको बता दें कि इससे धीरज इतना नाराज हुआ कि वह घर के अंदर से लाइसेंस पिस्टल ले आया। विवेक को अंदाजा नहीं था कि पिता गोली चला देगा। विवेक के सीने में गोली लगी। वह गिर पड़ा। आवाज सुनकर मां सुधा और छोटा भाई नितिन आ गए। वह विवेक को उठाने के लिए दौड़े। उधर, धीरज भाग निकला। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। विवेक को एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर आए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
कक्षा 9वीं का छात्र था विवेक
विवेक कक्षा 9वीं का छात्र था। पिता की जगह घर के कामकाज वही संभालता था। पिता से बेहद प्यार करता था। मगर, किसी को क्या पता था जिसको वह प्यार करता है, वही एक दिन उसकी जान भी ले लेगा। परिवार के लोग पिता को कोस रहे थे। कह रहे थे कि बेटा तो सिर्फ समझा रहा था। विवेक उसकी जान क्यों ले ली? जीते जी अपने जिगर के टुकड़े को मौत की नींद सुला दिया। आरोपी पिता अपने साथ पिस्टल भी ले गया है। पुलिस ने घर से एक और लाइसेंस दोनाली भी बरामद की है। बेटे की मौत से मां का हाल बेहाल है।
आरोपी की तलाश में खंगाले कैमरे
पुलिस को आशंका था कि आरोपी धीरज ज्यादा दूर नहीं गया होगा। वह आसपास ही पुलिस की गतिविधि पर नजर रख रहा होगा। इसलिए क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। इसमें वो जाता हुआ नजर आया है। हालांकि उसके बारे में परिचितों धीरज गुर्जर से भी जानकारी जुटाई जा रही थी। एसीपी सदर ने बताया कि धीरज ने 12 साल तक सेना में नौकरी की है। मगर, शराब पीने की वजह से उसे अनफिट कर दिया गया। इसी साल उसे सेवानिवृत्त कर दिया गया। वह घर आ गया। आए दिन पत्नी से झगड़ा किया करता था। बड़ा बेटा होने के कारण विवेक पिता को समझाया करता था।