संचार नाउ। सीजीएसटी आयुक्तालय गौतम बुद्ध नगर की खुफिया इकाई ने जीएसटी चोरी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए मेसर्स न्यू ग्लोबल स्क्रैप ट्रेडर्स के मालिक अजहरुद्दीन को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में लगभग ₹23.48 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) घोटाले का खुलासा हुआ है।
दरअसल, सीजीएसटी अधिकारियों द्वारा विकसित खुफिया जानकारी और गहन डेटा विश्लेषण के आधार पर न्यू ग्लोबल स्क्रैप ट्रेडर्स के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं के पते पर छापेमारी की गई। जांच में पाया गया कि इन आपूर्तिकर्ताओं के घोषित व्यापारिक स्थल केवल कागज़ों पर मौजूद थे और हकीकत में उनका कोई अस्तित्व नहीं था।
केंद्रीय कर आयुक्त संजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि सीजीएसटी आयुक्तालय गौतम बुद्ध नगर की खुफिया जांच के दौरान एकत्र साक्ष्यों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि मेसर्स न्यू ग्लोबल स्क्रैप ट्रेडर्स द्वारा बिना किसी वस्तु की वास्तविक आपूर्ति के केवल चालान जारी किए गए और फर्जी आईटीसी का लाभ लिया गया। इस धोखाधड़ी में विभिन्न गैर-मौजूद फर्मों द्वारा बिल जारी किए गए और उनके आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट पास किया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
पूछताछ के दौरान मालिक अजहरुद्दीन ने अपने स्वैच्छिक बयान में स्वीकार किया कि उन्होंने केवल चालानों के आधार पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया और उसे आगे पास किया, जबकि कोई वस्तु न तो मंगाई गई और न ही सप्लाई की गई।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस फर्जीवाड़े से सरकारी खजाने को करीब ₹23.48 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। आरोपी की कार्यप्रणाली में बिना किसी वास्तविक वस्तु की प्राप्ति या आपूर्ति के फर्जी बिलों के जरिये आईटीसी का लाभ लेना और आगे बढ़ाना शामिल रहा।
कानूनी कार्रवाई
माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के तहत अपराध करने के कारण अजहरुद्दीन को उक्त अधिनियम की धारा 132(1)(आई) के तहत दंडनीय पाया गया। इसके आधार पर 13 जून 2025 को उन्हें सीजीएसटी अधिनियम की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया और मेरठ में विशेष सीजेएम की माननीय अदालत द्वारा उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, आगे की जांच जारी है और अन्य संदिग्ध फर्मों व व्यक्तियों की भूमिका की गहनता से पड़ताल की जा रही है।