जोधपुर। राजस्थान के बहुचर्चित सलमान खान कांकाणी हिरन शिकार मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ में सुनवाई हुई, जहां सलमान खान की कुल तीन अपील हाईकोर्ट में कम्पाइल किए जाने को लेकर अर्जी लगाई गई थी।
राज्य सरकार ने फिल्मी सितारों को बरी किए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ में हुई।
वकीलों ने क्या मांग की?
सुनवाई के दौरान वकीलों ने कोर्ट के समक्ष यह मांग रखी कि सलमान खान को सजा सुनाए जाने के फैसले के खिलाफ दायर अपील भी अब हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो चुकी है, इसलिए सभी अपीलों को एक साथ जोड़ा जाए ।
इसके अलावा सलमान खान से जुड़े एक मामले की अपील भी ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग थी। कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार किया है। अब सलमान खान, सैफ अली खान और अन्य सितारों से जुड़े सभी अपील मामलों की संयुक्त सुनवाई अब 22 सितंबर को होगी।
राज्य सरकार ने लीव टू अपील दायर की थी
राजस्थान हाईकोर्ट में 1998 के बहुचर्चित काला हिरण शिकार मामले में आज विभिन्न अपीलों और याचिकाओं पर सुनवाई हुई । मामले में सह आरोपी फिल्म अभिनेता सैफ अली खान , अभिनेत्री नीलम , तब्बू , सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
इनके बरी होने पर राज्य सरकार की तरफ से लीव टू अपील दायर की गई थी इसके अलावा सलमान खान की ट्रांसफर पिटीशन पर भी सुनवाई होनी थी। ट्रांसफर केस की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के चलते अब अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
सलमान खाने के वकील ने पेश की थी ट्रांसफर पिटीशन
एडवोकेट महीपाल विश्नोई ने बताया कि जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की कोर्ट में मामला सूचीबद्ध था। इनमें पहली अपील सलमान खान की ओर से अधीनस्थ कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी । कोर्ट ने सलमान खान को 5 साल के कारावास और 25000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया था।
दूसरी अपील राज्य सरकार की ओर से सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू, नीलम और दुष्यंत सिंह को बरी किए जाने के खिलाफ पेश लीव टू अपील शामिल थी। सलमान खान के वकीलों ने उनकी सजा के खिलाफ पूर्व में एक ट्रांसफर पिटीशन हाईकोर्ट में पेश की थी, ताकि उनके खिलाफ दायर अपील को राज्य सरकार की अपील के साथ संलग्न किया जा सकें।
कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
इस पर जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने आज आदेश दिया कि सलमान खान की ओर से अधीनस्थ कोर्ट (जिला एवं सेशन न्यायाधीशमहानगर/ग्रामीण जोधपुर) में पेश की गई अपील को भी ट्रांसफर पिटीशन के तहत राजस्थान हाईकोर्ट में लिस्टेड किया जाए । इसके साथ ही दोनों प्रकरणों को एक साथ शामिल करते हुए उनकी संयुक्त सुनवाई अब 22 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट में होगी।