Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा में किसानों का आंदोलन के चलते जेल भेजे गए किसानों के विरोध में किसानों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चे ने ऐलान किया है कि शुक्रवार को 12 बजे सैकड़ो की संख्या में किसान दिल्ली कूच के लिए यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पहुंचेंगे। लेकिन जीरो पॉइंट भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है ऐसे में किसानों का पहुंचना मुश्किल है। पुलिस ने अधिकांश किसानों को घर पर हाउस अरेस्ट कर रखा है।
दरअसल, बुधवार रात करीब 11 बजे जीरो पॉइंट पर धरना स्थल पर सो रहे किसानों को पुलिस ने जबरन उठाकर पुलिस वैन से जेल भेज दिया। जिसके बाद रात करीब 1 बजे किसान नेता सुखबीर खलीफा व सोरन प्रधान सहित 34 किसान को भी जेल भेज दिया। बृहस्पतिवार की सुबह किसानों को जेल भेजे जाने के विरोध में सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया। दनकौर सहित अन्य देहात इलाकों से ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पहुंचने का अनुरोध किया गया। इस दौरान पहले से अलर्ट पुलिस ने महिला सिपाहियों की मदद से महिला समेत 100 से अधिक किसानों को हिरासत में लेकर जेल पहुंचाया। हालांकि जेल पहुंचने के बाद पुलिस ने महिला किसानों को छोड़ दिया जबकि उनके साथ आए 42 पुरुषों किसानों को जेल भेज दिया। सभी किसानों को लुकसर जेल के सामान्य बैरक में रखा गया है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिना अनुमति के धरना करने के लिए जीरो पॉइंट से दलित प्रेरणा स्थल की ओर निकले किसानों को गिरफ्तार किया गया है।
दुबारा किसानों की गिरफ्तारी से किसानों में आक्रोश
बुधवार की देर रात किसानों को जीरो पॉइंट से जेल भेजने के बाद धरना स्थल को खत्म कर दिया गया था। जिसके बाद वहां से सभी किसानों को हटा दिया गया। वहीं बृहस्पतिवार को जीरो पॉइंट पर भारी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया। किसानों के द्वारा सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार को 12 बजे महापंचायत का ऐलान किया गया था लेकिन अधिकांश किसानों को घरों पर हाउस अरेस्ट कर दिया गया। जिसके चलते किसान यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट नहीं पहुंच पाए। संयुक्त मोर्चा की तरफ से किसान नेता रुपेश वर्मा ने शुक्रवार को फिर महापंचायत का ऐलान किया है और सभी से दोपहर 12 बजे जीरो पॉइंट पहुंचने का अनुरोध किया है।
किसानो की प्रमुख मांगे
गौतम बुद्ध नगर के किसान 10% आवासीय भूखंड और 64.7 प्रतिशत बढ़े हुए मुआवजे के साथ नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इसके चलते किसानों ने कई सालों से धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया। बीते दिनों दस से अधिक किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापंचायत करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद किसानों ने यमुना प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डाला और 2 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली कोच की घोषणा की। नोएडा पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल पर रोक लिया गया अधिकारियों से वार्ता के बाद किसानों को एक सप्ताह तक दलित प्रेरणा स्थल पर धरना प्रदर्शन जारी रखने को कहा गया।
दलित प्रेरणा स्थल से पुलिस ने धरने पर बैठे किसानों की किया गिरफ्तार
मंगलवार को दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे 123 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। इससे नाराज किसान संगठनों ने किसानों की रिहाई के लिए बुधवार को ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर महापंचायत बुलाई। वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता के बाद जेल भेजे गए किसानों को बुधवार दोपहर बाद रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा हुए किसान महापंचायत में पहुंचे और आंदोलन को तेज करने की बात कही गई। इसके बाद बुधवार की रात में किसान नेता सुखबीर खलीफा और सोरन प्रधान सहित अन्य किसानों को पुलिस ने दोबारा धरना स्थल से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।