Sanchar Now। संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं की मुख्य सचिव मनोज कुमार के साथ 10% प्लॉट सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। हाई पावर कमेटी की सिफारिश में 10% प्लॉट नहीं मिलने से किसानों में काफी आक्रोश है। जिले में साढ़े तीन लाख किसान 10% प्लॉट से वंचित हो गए हैं। मुख्य सचिव ने वार्ता के दौरान किसानों को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। जिसको लेकर किसान दीपावली के बाद बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है।
दरअसल, गौतम बुध नगर के किसानों की दशकों से चली आ रही 10% प्लॉट की मांग को लेकर किसानों ने आंदोलन किया। आंदोलन के दौरान जब किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कोच की तैयारी कर रहे थे तभी अधिकारियों ने हाई पावर कमेटी बनाने का आश्वासन दिया था। शासन के निर्देश पर हाई पावर कमेटी बनाई गयी जिसमें मुख्य सचिव, मेरठ मंडल कमिश्नर और जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर शामिल रहे। इस कमेटी को किसानों की मांगों को शासन स्तर पर सरकार के पास रखना था जिससे किसानों की मांगों का जल्द ही निस्तारण किया जाएगा और उनका लाभ मिल सके। इस हाई पावर कमेटी ने अपनी सिफारिश को सरकार के सामने रखा। जब किसानों ने सिफारिश को सार्वजनिक करने की मांग की तो अधिकारियों ने मांगों को सार्वजनिक नही किया। जिसके बाद किसानों ने कलेक्ट्रेट पर एक धरना प्रदर्शन करते हुए आंदोलन किया। जिसमे कई दिनों के आंदोलन के बाद हाई पावर कमेटी की सिफारिश को सार्वजनिक किया गया। जिनमें किसानों को 10% मिलने वाले प्लॉट का कोई जिक्र नहीं है जिससे किसानों में भारी आक्रोश है।
शनिवार को नोएडा में भारतीय किसान परिषद से सुखबीर खलीफा, किसान सभा से डॉ रुपेश वर्मा, जय जवान जय किसान मोर्चे से सुनील फौजी एवं किसान संघर्ष समिति से बृजेश भाटी ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश मनोज कुमार से नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में वार्ता हुई। जिसमें किसानों ने कहा कि हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट जब सार्वजनिक की गई तो उसमें 10% प्लॉट के बारे में कमेटी ने सरकार से कोई सिफारिश नहीं की। जिससे किसान 10% प्लॉट से वंचित हो गए हैं जिसके चलते उनमें भारी नाराजगी हैं। किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने बताया कि मुख्य सचिव ने सारी बातें सुनी लेकिन 10% के मुद्दे पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है।
अधिकारियों पर विश्वास किसानों के लिए बना अभिशाप
गौतम बुद्ध नगर में साढ़े तीन लाख किसान इस समस्या से पीड़ित हैं। तत्कालीन मुख्य कार्यपालिका अधिकारी रामा रमन ने अखबारों में विज्ञप्ति निकालकर किसानों से कोर्ट नहीं जाने की अपील की थी। किसान उनकी अपील पर विश्वास करते हुए कोर्ट नहीं गए और कोर्ट के आदेश के अनुसार 64% अतिरिक्त मुआवजा शपथ पत्र देकर प्राप्त कर लिया। वर्ष 2016 और 2024 में दो बार प्राधिकरण की तरफ से 10% प्लॉट देने के संबंध में प्राधिकरण बोर्ड से प्रस्ताव पारित होकर उत्तर प्रदेश सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। फिर भी आंदोलन करने पर किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया गया। जिसकी रिपोर्ट 22 अक्टूबर को सामने आई रिपोर्ट में पता चला कि किसानो के 10% प्लॉट के बारे में कोई सिफारिश नहीं की गई है इससे पूरे जिले के किसान नाराज हैं।
सर्किल रेट रिवाइज कर किसानों को मिले चार गुणा मुआवजा
जय जवान जय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील फौजी ने मुख्य सचिव से कहा कि हमारे जिले में नए कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश में हर जगह सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है। यही वजह है कि किसान अपनी जमीनों को प्राइवेट कॉलोनी को बेच रहे हैं। हमारी मांग है कि सर्किल रेट रिवाइज कर चार गुना मुआवजा गौतम बुद्ध नगर में दिया जाए। मुख्य सचिव ने कमेटी की सकारात्मक सिफारिश मसलन आबादी निस्तारण, शिफ्टिंग के प्रकरणों भूमिहीनों को वेंडिंग जोन में बनाने वाली दुकानों में 40% आरक्षण देने, ग्रेटर नोएडा में वंचित किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने, नोएडा में अतिक्रमण की आबादियों को डी लिंककरने तथा आबादी निस्तारण के लिए अधिकतम पात्रता साढे चार सौ वर्ग मीटर से 1000 वर्ग मीटर करने तथा अन्य सकारात्मक सिफारिश को लागू करने के संबंध में जल्दी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
10 प्रतिशत के लिए अस बार होगी आर-पार की लड़ाई
किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि यह किसानों के साथ सरासर धोखा है। जब तक किसानों के साथ अन्याय होगा तब तक किसान चुप बैठने वाले नहीं है। हमने स्पष्ट रूप से मुख्य सचिव को बता दिया है या तो किसानों का हक उन्हें दे दे अन्यथा गौतम बुद्ध नगर में बड़ा आंदोलन होगा। वही किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बृजेश भाटी ने कहा कि इस बार जिले में लड़ाई 10% को लेकर आर पार की होगी। मीटिंग में नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एम लोकेश, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा वअन्य अधिकारियों सहित किसान उपस्थित रहे।