संचार नाउ। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) की सुरक्षा अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के हवाले हो गई है। सोमवार को CISF को औपचारिक रूप से इस एयरपोर्ट की नामित विमानन सुरक्षा एजेंसी घोषित किया गया। यह कदम एयरपोर्ट के वाणिज्यिक संचालन से पहले तैयारियों का बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।

दरअसल, इस समारोह में उत्तर प्रदेश सरकार, CISF और एयरपोर्ट से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें शामिल रहे – प्रवीर रंजन (IPS, स्पेशल डीजी एयरपोर्ट्स CISF), सेंथिल अवूदाई कृष्णा आर (IPS, आईजी/एयरपोर्ट सेक्टर), राकेश कुमार सिंह (सीईओ NIAL), किरण जैन (सीओओ NIA), शैलेन्द्र भाटिया (नोडल ऑफिसर NIAL) और संजय कटारिया (रीजनल डायरेक्टर, आरओ दिल्ली)।
ख़ास होगी एयरपोर्ट की सुरक्षा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का 70वां एयरपोर्ट है जो CISF सुरक्षा कवच में शामिल हुआ है। CISF का एविएशन सिक्योरिटी ग्रुप (ASG) यहां सुरक्षा व्यवस्था संभालेगा। इसमें शामिल होगा –
- परिधि और प्रवेश नियंत्रण
- यात्री व सामान की स्क्रीनिंग
- टर्मिनल और लैंडसाइड सुरक्षा
- क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) की तैनाती
- स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों से समन्वय
पहले चरण में 1,047 CISF जवान तैनात होंगे, जिनकी निगरानी चीफ एयरोड्रोम सिक्योरिटी ऑफिसर (CASO) करेंगे। जरूरत के अनुसार तैनाती आगे बढ़ाई जाएगी।
वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया
CISF के स्पेशल डीजी एयरपोर्ट्स प्रवीर रंजन ने कहा,
“CISF को नोएडा एयरपोर्ट की सुरक्षा संभालने पर गर्व है। हमारा उद्देश्य विश्वस्तरीय मानकों के तहत यात्रियों, क्रू और संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। वही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सीओओ किरण जैन ने कहा कि CISF की तैनाती हमारी तैयारी का अहम चरण है। सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और हमें विश्वास है कि CISF के सहयोग से हम यात्रियों को सुरक्षित और विश्वस्तरीय अनुभव देंगे।
विश्वस्तरीय हब बनने की दिशा में कदम
CISF की सुरक्षा और एयरलाइंस की तैयारियों के साथ, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और उससे आगे के लिए विश्वस्तरीय विमानन हब के रूप में उभरने जा रहा है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बारे में
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IATA कोड: DXN) दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को देश और दुनिया के अन्य शहरों से जोड़ेगा। यह एयरपोर्ट स्विस दक्षता और भारतीय मेहमाननवाजी का मेल होगा और यात्रियों को विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करेगा।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) इस परियोजना के विकास और संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहा है। यह कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल AG की 100% सहायक है। 40 साल की रियायत अवधि वाले इस हवाई अड्डे के पहले चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल बनाया जा रहा है, जिसकी क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी