कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है. उन्होंने पीएम मोदी को भारत के लिए प्राइम एसेट बताया. थरूर ने पीएम की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता को वैश्विक स्तर पर भारत के लिए अहम पूंजी बताया है. उन्होंने पीएम की गतिशीलता और दूसरे देशों के साथ जुड़ने की उनकी इच्छा को लेकर और अधिक समर्थन दिए जाने की अपील की है. सांसद ने कहा कि पीएम मोदी की ऊर्जा, एक्टिवनेस और इच्छाशक्ति ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत बनाया है.
हालांकि शशि थरूर की ये टिप्पणी कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक लाइन से मेल नहीं खाती, जो लगातार मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना कर रही है. ऐसे में सांसद का ये बयान एक बार फिर उनकी पार्टी को असहज स्थिति में डाल सकता है साथ ही पार्टी नेतृत्व के साथ उनके रिश्तों में दरार और गहरी हो सकती है.
कांग्रेस के निशाने पर मोदी सरकार
दरअसल शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ ऐसे समय पर की है जब उनकी पार्टी (कांग्रेस) मोदी सरकार की विदेश नीति को लेकर लगातार हमले कर रही है और उस पर सवाल उठा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय कूटनीति चरमरा गई है और देश विश्व स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है.
समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ थरूर का लेख
कांग्रेस नेता का यह लेख एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक पहल को ‘राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संप्रेषण’ का उदाहरण बताया. लेख में उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद किया गया राजनयिक संपर्क राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का क्षण था.
थरूर ने की पीएम मोदी की तारीफ
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक अहम पूंजी बनी हुई है, लेकिन इसे और भी ज्यादा समर्थन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक सक्रियता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया है.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के रुख से अवगत कराने के लिए अमेरिका और चार अन्य देशों में गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले कांग्रेस नेता ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनयिक संपर्क राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का क्षण था. इसने इस बात पुष्टि की है कि भारत एकजुट होने पर अपनी आवाज स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रख सकता है.
इसके अलावा शशि थरूर ने कहा कि पश्चिमी गोलार्ध के पांच देशों- गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका में सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने से मुझे सार्वजनिक कूटनीति के इस गहन दौर से सीखे गए सबक पर विचार करने का एक अनूठा अवसर मिला.