कानपुर : कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए चक्कर काट रहा युवक शुक्रवार को रिश्वत की चेक लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंच गया. युवक ने रिश्वत की चेक और आवेदन पत्र देते हुए डीएम से कहा कि यह रकम केडीए के ओएसडी जोन- 3 अजय कुमार तक पहुंचा दी जाए. युवक के इस अनूठे कारनामे से प्राधिकरण में अफसरों के बीच हड़कंप मच गया.
शहर के बर्रा में रहने वाले नीरज गुप्ता ने केडीए में अपने एक प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए करीब एक साल पहले आवेदन किया था. नीरज रजिस्ट्री के लिए लगातार प्राधिकरण अफसरों के चक्कर काट रहे थे, मगर उनकी रजिस्ट्री नहीं हो रही थी.
ओएसडी पर घूस मांगने का आरोप : नीरज का आरोप है कि केडीए के ओएसडी जोन- 3 अजय कुमार ने शुक्रवार को उनसे रजिस्ट्री के लिए 30 हजार रुपये घूस मांगी. नीरज ने कहा, ओएसडी की बात सुन अपने घर वापस आ गया. बैंक की चेकबुक से एक चेक निकालकर उसमें पे टू के कॉलम में अजय कुमार विशेष कार्याधिकारी कानपुर विकास प्राधिकरण लिखते हुए और राशि में 30 हजार रुपये अंकित करते हुए डीएम कानपुर के पास गया.
शिकायती पत्र भी दिया : नीरज ने डीएम को वह चेक सौंपा. साथ ही अपना शिकायती पत्र भी दे दिया. नीरज का कहना है, मैं भाजपा कार्यकर्ता हूं. जब प्राधिकरण के अफसरों ने मुझसे घूस मांग ली, तो आमजन के साथ ये क्या करते होंगे? दरअसल, नीरज ने प्राधिकरण के अफसरों को बताया था उनके पास एक प्लॉट की पॉवर आफ एटॉर्नी है, जिसके आधार पर वह रजिस्ट्री कराना चाहते हैं.
आरोप है कि केडीए के ओएसडी जोन-3 अजय कुमार ने नियमों का हवाला देकर रजिस्ट्री से इंकार कर दिया था. इसके बाद प्राधिकरण के विधि विभाग की भी रिपोर्ट इस मामले में मैंने लगाई थी.
पूरे प्रकरण की होगी जांच : केडीए वीसी मदन सिंह गर्ब्याल ने कहा कि नीरज गुप्ता का मामला संज्ञान में है. आखिर, ऐसा क्यों हुआ और ओएसडी ने किन कारणों से रजिस्ट्री नहीं की, इसकी जांच कराएंगे. उन्होंने कहा जितने भी अब रजिस्ट्री के मामले प्राधिकरण में आएंगे, वह उसका संज्ञान जरूर लेंगे.
वहीं मामले में ओएसडी अजय कुमार ने कहा कि नीरज गुप्ता के सारे आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. रिश्वत मांगने का कोई साक्ष्य उनके पास नहीं है. उनकी रजिस्ट्री भी कर दी गई है. जो भी जांच होगी उसमें पूरा सहयोग किया जाएगा.