ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पाकिस्तान में बढ़े तनाव को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दोनों ही देश हालिया झड़पों के दौरान परमाणु संघर्ष से काफी दूर थे. उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की धरती पर सिर्फ आतंकवादी ठिकानों पर ही बिना किसी उकसावे के सटीक हमले किए थे.
विदेश मंत्री ने हाल ही में जर्मनी यात्रा के दौरान फ्रैंकफर्टर अलगेमाइन त्सितुंग अखबार को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद बहुत खुला कारोबार है और दोनों देशों के बीच टकराव के कारण परमाणु समस्या पैदा होने की बातें सिर्फ आतंकवाद जैसी भयानक गतिविधियों को ही बढ़ावा देती हैं.
‘परमाणु संघर्ष से हम बहुत.. बहुत दूर थे’
भारत और पाकिस्तान के परमाणु संघर्ष के करीब होने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि इससे हम बहुत, बहुत दूर थे. हमारा टारगेट सिर्फ आतंकवादी ठिकाने थे, जो कि बहुत ही सोच-समझकर उठाए गए कदम थे और उन्हें बढ़ाने की जरूरत नहीं थी.
‘यह मुझे बहुत परेशान करता है’
एस जयशंकर ने पिछले सप्ताह नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी का दौरा किया था, जहां उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत के हमलों के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में परमाणु स्तर तक नहीं पहुंचा गया. ये एक कहानी है कि दुनिया के हमारे हिस्से में जो कुछ भी होता है, वह सीधे परमाणु समस्या की ओर ले जाता है. यह मुझे बहुत परेशान करता है क्योंकि यह आतंकवाद जैसी भयानक गतिविधियों को बढ़ावा देता है.
‘यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की लिस्ट में सबसे ज्यादा पाकिस्तानियों के नाम’
उन्होंने कहा कि जो अंधा नहीं है वो साफ-साफ देख सकता है कि पाकिस्तान के शहरों और कस्बों से खुलेआम आतंकी संगठन चलाए जा रहे हैं. यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की लिस्ट में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी आतंकियों और उनके ठिकानों के नाम हैं और ये वही स्थान हैं, जिन्हें हमने निशाना बनाया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद एक खुला बिजनेस है. ये एक ऐसा बिजनेस है जिसकी फंडिंग, समर्थन और इसे चलाने वाला खुद पाकिस्तान और उनकी सेना है.