इटावा। पुलिस पर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बुधवार रात तैनात डॉक्टर को जबरन ले जाने का आरोप लगा है। डॉक्टर का कहना है कि पुलिस उन्हें एसएसपी के यहां ले जा रही थी। विरोध करने पर प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार और कांस्टेबल हितेश वर्मा ने गाली-गलौज व धक्का-मुक्की करने के साथ मोबाइल फोन छीन लिया।
विरोध में गुरुवार सुबह पीएमएस, डिप्लोमा फार्मासिस्ट और राज्य कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने अस्पताल में ओपीडी सेवा बंद करा दी। इस दौरान मरीज भटकते रहे।
दो घंटे बाद पहुंचे सीएमओ डॉ. बृजेंद्र कुमार सिंह ने ओपीडी शुरू कराई। एसएसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने निजी डॉक्टर बुलवाया था। पुलिसकर्मी बिना आदेश के जिला अस्पताल क्यों गए, इसकी जांच सीओ सिटी अभय नारायण राय से कराई जा रही है।
दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। डॉक्टरों व सीएमएस का कहना है कि उन्होंने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ऐसा न होने पर आगे निर्णय किया जाएगा।
एसएसपी के यहां चलने को कहा
बाबा भीमराव आंबेडकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बुधवार रात डॉ. राहुल बाबू राजपूत की तैनाती थी। उन्होंने बताया कि रात करीब 11 बजे सिविल लाइंस थाने से पुलिसकर्मी आए और एसएसपी के यहां चलने को कहा।
डॉ. राहुल बाबू ने ड्यूटी छोड़कर जाने से मना कर दिया और महिला स्टाफ को भेजने की बात कही। आरोप है कि इस पर पुलिस कर्मी उन्हें जबरन ले गए। रास्ते में एसएसपी चौराहे पर उन्हें गाड़ी से उतार दिया।
फार्मासिस्ट शरद यादव ने भी दबाव बनाने का आरोप लगाया है। गुरुवार सुबह पीएमएस, डिप्लोमा फार्मासिस्ट और राज्य कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने ओपीडी सेवा ठप करने के साथ ही दवा वितरण कक्ष व चिकित्सा कक्ष में ताला लगवा दिया।
उन्होंने कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी। इसके बाद पदाधिकारी व अस्पताल स्टाफ सीएमएस डॉ. पारितोष शुक्ला से मिलने पहुंचे।
सीएमओ डॉ. बृजेंद्र कुमार सिंह ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने डीजीपी को प्रार्थना पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। एसएसपी ने बताया कि बिना आदेश अस्पताल जाने पर सिपाही हितेश वर्मा और अनिरुद्ध साहू को लाइन हाजिर किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।