मति ली गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया।
दानी दाता ने नहीं मांगा प्रमाण पत्र
गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने अपने स्तर से किया है। दानी दाता ने ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार कराई और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई। सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का कार्य दानीदाता की ओर से कराया गया।
दानी दाता में गर्भ गृह में लगाई गई स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल व बाउचर बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के पश्चात दे दिए गए थे। बीकेटीसी ने नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया है। दानी दाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा- 80 का प्रमाण पत्र नहीं मांगा। लेकिन कुछ लोग षडयंत्र रच कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल की कोशिश कर रहे हैं।