नोएडा. उत्तर प्रदेश में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चारों ओर बस रही ‘यीडा सिटी’ के लिए यमुना अथॉरिटी नए बिल्डिंग बॉयलॉज (निर्माण नियम) तैयार करने जा रही है. ये नियम एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की कलर कोडिंग के आधार पर बनाए जाएंगे, जिससे यह तय होगा कि एयरपोर्ट से कितनी दूरी पर कितनी ऊंची इमारत बनाई जा सकती है. इसका सीधा असर एयरपोर्ट से 4 से 20 किमी के दायरे में बनने वाली बिल्डिंग्स पर होगा. सबसे ज्यादा असर उन बिल्डरों पर पड़ेगा जिन्होंने ग्रुप हाउसिंग के लिए प्लॉट खरीदे हैं और ऊंची इमारतें बनाने की प्लानिंग की थी. अब उन्हें अपने प्रोजेक्ट प्लान में बदलाव करना पड़ सकता है.
यमुना अथॉरिटी जल्द ही एक सर्वे एजेंसी को नियुक्त करेगी, जो नए नियमों का ड्राफ्ट तैयार करेगी. इन नियमों के पीछे मकसद यह है कि हवाई जहाज की उड़ान और लैंडिंग में कोई बाधा न हो. जो भी बिल्डर या व्यक्ति ऊंची इमारत बनाना चाहता है, उसे पहले एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना होगा, वरना निर्माण अवैध माना जाएगा और निर्माण को गिरा दिया जाएगा.
AAI के जोनिंग नियमों के मुताबिक…
एयरपोर्ट से 4 किमी के अंदर इमारतों की अधिकतम ऊंचाई 19 मीटर तक रह सकती है. 4-6 किमी के अंदर इमारत की ऊंचाई 29 मीटर तक होगी. वहीं 6-9 किमी की के अंदर 79 मीटर तक की इमारत को बना सकते हैं. 9-15 किमी के अंदर 109 मीटर तक की इमारत बना सकते हैं. 15-20 किमी के अंदर 139 मीटर तक की इमारत बना सकते हैं.
अब तक यमुना अथॉरिटी 32 हजार से ज्यादा रेजिडेंशियल प्लॉट्स और हजारों कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और ग्रुप हाउसिंग प्लॉट्स अलॉट कर चुकी है. नए नियमों से आम लोगों पर बहुत असर नहीं पड़ेगा, लेकिन हाईराइज प्लान कर रहे बिल्डरों की रणनीति जरूर बदल जाएगी. इसके अलावा, एयरपोर्ट से जुड़ी सुविधाएं जैसे सड़क, रेल कनेक्टिविटी और रोजगार के मौके बढ़ेंगे, जिससे इलाके की प्रॉपर्टी की कीमतें और मांग दोनों बढ़ने की उम्मीद है.