संचार नाउ। वर्ल्ड हार्ट डे (29 सितम्बर) से पहले फोर्टिस अस्पताल ग्रेटर नोएडा ने ‘दिल की बीमारियों के खामोश लक्षणों की पहचान’ विषय पर मीडिया ब्रीफिंग आयोजित की। इस दौरान अस्पताल के विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि दिल की बीमारियां अब केवल बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि युवाओं की जिंदगी पर भी खामोशी से मंडरा रही हैं।

दरअसल, विशेषज्ञों ने युवाओं को सचेत करते हुए कहा कि स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम, धूम्रपान से दूरी और समय-समय पर जांच ही दिल की बीमारियों से बचाव का सबसे बड़ा उपाय हैं।
फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शांतनु सिंहल ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में 18 से 30 वर्ष के आयु वर्ग में हार्ट अटैक के मामलों में लगभग 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि पारिवारिक इतिहास, डायबिटीज़, असंतुलित खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली इसकी प्रमुख वजह हैं।
युवाओं के गंभीर केस भी सामने आए
मीडिया ब्रीफिंग में दो ऐसे मरीजों के उदाहरण पेश किए गए जिनकी उम्र 26 और 29 साल है।
- 26 वर्षीय मरीज को सीने में दर्द के बाद अस्पताल लाया गया। जांच में बाईं कोरोनरी आर्टरी में 100 प्रतिशत ब्लॉकेज पाया गया। सफल एंजियोप्लास्टी के बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ। खास बात यह रही कि मरीज के पिता की पहले बायपास सर्जरी हो चुकी थी, जिससे पारिवारिक इतिहास की अहमियत स्पष्ट हुई।
- 29 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल को अचानक हार्ट अटैक आया। डायबिटीज़ की फैमिली हिस्ट्री के कारण जब ऐंजियोग्राफी कराई गई तो तीनों नसों में ब्लॉकेज मिला। सफल इलाज के बाद मरीज अब स्वस्थ है।
खतरे के संकेत अक्सर अनदेखे
डॉक्टरों ने बताया कि अनियंत्रित डायबिटीज़ के कारण मरीजों की नसों में सेंसेशन खत्म हो जाती है। ऐसे में हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण जैसे सीने में दर्द, पसीना आना, सांस फूलना या अकड़न का पता तक नहीं चलता और अचानक मृत्यु हो सकती है। यही वजह है कि डायबिटीज़ और पारिवारिक इतिहास वाले युवाओं को नियमित चेकअप कराना बेहद जरूरी है।
स्मोकिंग और लाइफस्टाइल जिम्मेदार
डॉ. शांतनु सिंहल ने चेतावनी दी कि धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, मोटापा और डेस्क जॉब्स युवाओं में दिल की बीमारियों को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्मोकिंग और तंबाकू ब्लड वेसेल्स को स्थायी नुकसान पहुंचाते हैं और कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
अस्पताल की प्रतिबद्धता
फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के फैसिलिटी डायरेक्टर सिद्धार्थ निगम ने कहा कि अस्पताल की प्राथमिकता है मरीजों को समय पर सही इलाज, सुविधाएं और परामर्श देना। उन्होंने बताया कि मरीज और उनके परिवार को बीमारी और इलाज के हर पहलू को विस्तार से समझाया जाता है ताकि उनका भरोसा कायम रहे।