मथुरा। 54 वर्षों से बंद ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर खजाना (तोषखाना) आज खुलेगा। मंदिर प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईपावर मैनेजमेंट कमेटी के आदेश पर सिविल जज जूनियर डिवीजन की अगुवाई में यह खजाना खोला जाएगा। हालांकि 1971 में खजाने में रखा सामान एक बक्से में बंद कर भारतीय स्टेट बैंक में रखा जा चुका है। लेकिन कमेटी देखना चाहती है कि अब इसमें क्या है।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में गर्भगृह के पास ही खजाना (तोषखाना) है। कुछ सीढ़ियों के बाद यह तोषखाना भूमिगत बना है। वर्ष 1916 और 1926 में दो बार तोषखाना में चोरी हो गई थी। इसके बाद तोशखाना में नई व्यवस्था की गई। एक होल यहां बना दिया गया, जिससे अंदर हाथ डालकर मंदिर के चढ़ावे में आने वाले आभूषण आदि को डाल दिया जाता था, तब गेट को सील कर दिया गया था।
वर्ष 1971 में तोषखाना में रखा आभूषण को सुरक्षित रखने के लिए सील तोड़ी गई। इसे खोलकर जो भी सामान व अन्य आभूषण थे, उन्होंने एक बक्से में बंद कर भूतेश्वर स्थित भारतीय स्टेट बैंक के लाकर में जमा कर दिया गया था। मंदिर के गेट और होल को तभी से सील कर दिया गया था।
हाईपावर कमेटी के सदस्य और मंदिर सेवायत दिनेश गोस्वामी कहते हैं कि अब तोषखाना में कुछ नहीं मिलेगा। इधर, हाईपावर कमेटी के सामने तोषखाना बंद होने का मामला उठा तो कमेटी ने 29 सितंबर की बैठक में इसे खोलने का निर्णय लिया।
अब कमेटी के निर्देश पर सिविल जज जूनियर डिवीजन शिप्रा दुबे की अगुवाई में सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, मंदिर के सीए, लेखाधिकारी के अलावा कमेटी में शामिल मंदिर के चारों सेवायत मौजूद रहेंगे। डीएम सीपी सिंह ने बताया कि दोपहर एक बजे यह तोषखाना खोला जाएगा। इसकी बकायदा वीडियोग्राफी होगी। पूरी रिपोर्ट कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।