लखनऊ में बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों, विधान सभा और विधान परिषद, से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24,496.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। बजट पारित होने के साथ ही विधानमंडल की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

चार दिनों तक चला शीतकालीन सत्र
विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुक्रवार 19 दिसंबर को शुरू हुआ था। यह सत्र कुल चार दिनों तक चला, जिसमें विधान सभा की कार्यवाही लगभग 24.50 घंटे तक चली। सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने 22 दिसंबर को चालू वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया था।
विधान सभा में ध्वनिमत से बजट स्वीकृत
बुधवार को विधान सभा में अनुपूरक बजट पर विस्तृत चर्चा हुई। इस चर्चा में नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी अपने विचार रखे। चर्चा के बाद ध्वनिमत से अनुपूरक बजट को पारित कर दिया गया। शाम 5 बजकर 49 मिनट पर विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
मूल बजट के साथ बढ़ा कुल बजट आकार
प्रदेश सरकार ने फरवरी माह में चालू वित्तीय वर्ष के लिए 8,08,726 करोड़ रुपये का मूल बजट प्रस्तुत किया था। इसके बाद 24,496.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाए जाने से कुल बजट आकार बढ़कर 8,33,233.04 करोड़ रुपये हो गया है। सरकार का कहना है कि यह अतिरिक्त प्रावधान विकास कार्यों और आवश्यक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किया गया है।
विधान परिषद में चर्चा की मांग अस्वीकार
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने अनुपूरक बजट पर चर्चा कराने की मांग की, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद विधान परिषद से भी अनुपूरक बजट को पारित कर दिया गया।
प्रमुख क्षेत्रों के लिए किए गए बजटीय प्रावधान
अनुपूरक बजट में ऊर्जा क्षेत्र के लिए 5021 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अवस्थापना और औद्योगिक विकास के लिए 4,874 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 3923.10 करोड़ रुपये, नगर विकास के लिए 1758.58 करोड़ रुपये और प्राविधिक शिक्षा के लिए 639.95 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा महिला कल्याण योजनाओं के लिए 535 करोड़ रुपये और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपये रखे गए हैं।














