SancharNow। ग्रेटर नोएडा में बृहस्पतिवार को जीरो पॉइंट पर दिल्ली कूच करते हुए पुलिस ने 120 महिला-पुरुष किसानों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान महिलाओं के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की भी हुई। इससे पहले भी बुधवार रात को पुलिस ने धरना स्थल से किसानों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद किसानों ने दोबारा जीरो पॉइंट पर महापंचायत का ऐलान किया लेकिन मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जिससे किसान जीरो पॉइंट धरना स्थल पर नहीं पहुंच पाए। अब किसानों ने शुक्रवार 6 दिसंबर को फिर ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है।
संयुक्त किसान मोर्चे के नेता रुपेश वर्मा ने बताया कि 120 से ज्यादा किसान महिला, पुरुषों को दिल्ली कूच करते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया है। किसान नेताओं पर नाजायज दवा बनाने के लिए उनके परिवार जनों को थाने में बिठाया जा रहा है। रुपेश वर्मा ने कहां की किसान सभा के संयोजक वीर सिंह के नेतृत्व में किसानों के द्वारा गिरफ्तारी दी गई। किसानों ने सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
रुपेश वर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने 3 दिसंबर को दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद 4 दिसंबर को हजारों की संख्या में संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसान महापंचायत के लिए पहुंचे। पंचायत के दबाव में जेल में बंद किसानों को सरकार को रिहा करना पड़ा। संयुक्त किसान मोर्चे की स्टीयरिंग कमेटी ने अधिकारियों से बातचीत कर सहमति बनाई थी कि 5 दिसंबर सुबह वार्ता कर आंदोलन के आगे की कार्रवाई व रणनीति बनाई जाएगी। परंतु पुलिस प्रशासन ने पुनः वादा खिलाफी करते हुए बुधवार रात में ही सुखवीर खलीफा और सोरन प्रधान के नेतृत्व में मौजूद 22 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और धरना स्थल को खाली करा दिया। जिससे पूरे जिले के किसानों में आक्रोश बढ़ गया है और आज सैकड़ो की संख्या में किसान दिल्ली कूच करने के इरादे से जीरो पॉइंट पहुंचे। जहां पर मौजूद पुलिस ने दिल्ली मार्च कर रहे किसानों के साथ बदसलूकी करते हुए महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की की और सभी को गिरफ्तार किया है।
रुपेश वर्मा ने कहा कि पुलिस का दमन उत्पीड़न किसानों में और आक्रोश भर रहा है। पुलिस द्वारा किसान नेताओं के परिजनों को परेशान करने से आंदोलन खत्म होने वाला नहीं है। गांव-गांव से किसान हजारों की संख्या में गिरफ्तारियां देने को तैयार हैं। यह दादरी की वीर जानता है जिसे 1857 की क्रांति में बड़ी संख्या में कुर्बानी दी थी। यहां जब भी दमन उत्पीड़न होता है उत्तर प्रदेश की सरकार बदल जाती है। योगी सरकार किसानों को उनका हक देने के बजाय उनका उत्पीड़न और दमन करने में जुटी है। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर जिनके नेतृत्व में आज गिरफ्तारियां हुई। उन्होंने कहा कि हम झुकने वाले नहीं है रुकने वाले नहीं है अपना हक लेकर रहेंगे। योगी सरकार चाहे कितने भी लोगों को जेल में बंद कर दे चाहे जितने मुकदमे किसानों के खिलाफ दर्ज कर ले किसान अब डरने वाला नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि कल 6 दिसंबर दोपहर 12:00 बजे फिर से सैकड़ो की संख्या में किसान दिल्ली कूच करने के लिए जीरो पॉइंट पहुंचेंगे।
ग्रेटर नोएडा से कल फिर दिल्ली कूच का किसानों ने किया ऐलान
वही भारतीय किसान परिषद के नेता उदल आर्य ने कहा की लड़ाई आर पार की है संकल्प करके आंदोलन शुरू किया था। किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलना लोकतंत्र पर हमला है। संविधान में नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। हम हर हमला सहेंगे और अपने अधिकारों को हासिल करके रहेंगे। गौतम बुद्ध नगर के किसान योगी सरकार की तानाशाही को झेलते हुए देश के संविधान और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने का कार्य कर रहे हैं।