भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट मैच में ड्यूक्स गेंदों से जुड़ा विवाद नहीं थमा. गेंदबाजों की मददगार मानी जाने वाली इंग्लैंड की ये गेंद इस सीरीज में और खास तौर पर लॉर्ड्स टेस्ट में बार-बार बदले जाने के कारण लगातार विवादों में बनी रही. इसको लेकर गेंद बनाने वाली कंपनी पर कड़े सवाल उठे. मगर मैच के दौरान गेंद बदलने को लेकर ही कुछ ऐसा भी हो गया, जिससे अंपायर ही निशाने पर आ गए और कॉमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री भी उन पर जमकर बरस पड़े.
लॉर्ड्स टेस्ट मैच के तीसरे दिन टीम इंडिया की बल्लेबाजी के दौरान ये घटना हुई, जिस पर कॉमेंट्री टीम का गुस्सा फूटा. हुआ ये कि दिन के पहले सेशन में एक घंटे का खेल पूरा हो चुका था और ऐसे में नियमों के मुताबिक अंपायर्स ने ड्रिंक्स ब्रेक का ऐलान किया. हर बार की तरह इस बार भी ये ब्रेक 5 मिनट का था और फिर खेल आगे बढ़ना था. मगर जैसे ही ब्रेक खत्म हुआ, तभी अंपायरों ने गेंद को बदलने का फैसला किया.
अंपायरों पर इसलिए भड़के शास्त्री-वॉर्ड
जिस गेंद से इंग्लिश टीम गेंदबाजी कर रही थी, उसका आकार बिगड़ने के बाद ही अंपायरों ने इसे बदलने का फैसला किया था. मगर इसकी टाइमिंग पर रवि शास्त्री और उनके साथ कॉमेंट्री कर रहे इयन वॉर्ड ने सवाल खड़े कर दिए. वॉर्ड ने इसकी शुरुआत की और अंपायरों को घेरते हुए कहा कि गेंद बदलने की ये प्रक्रिया ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान क्यों नहीं की गई. मशहूर कमेंटेटर ने इस बात पर जोर दिया कि ये सब काम अगर ब्रेक के वक्त किया जाता तो बेवजह अतिरिक्त वक्त बर्बाद नहीं होता. ब्रेक के बाद दूसरी गेंद को चुनने में भी करीब दो से ढाई मिनट खर्च हो गए थे.
वहीं रवि शास्त्री ने भी अंपायरों के इस रवैये को खराब बताया. इतना ही नहीं, उन्होंने तो इस बात पर भी हैरानी जताई कि रिप्लेसमेंट के लिए जिन गेंदों को फोर्थ अंपायर लेकर आए, उनमें से 5 गेंद तो उस बॉल का आकार चेक करने वाले इक्विपमेंट से पार ही नहीं हो रही थीं. यहीं पर शास्त्री ने पूरी प्रोसेस पर ही अपना आक्रोश जताया और कहा कि जब इन 5 गेंदों का आकार सही नहीं है तो उन्हें बॉक्स में रखा ही क्यों गया है. उन्होंने भी इस बात पर जोर दिया कि इससे भी टाइम वेस्ट होता है.
बॉल बदलने के कारण हुआ काफी वक्त बर्बाद
लॉर्ड्स टेस्ट के पहले और दूसरे दिन गेंद को लेकर काफी ड्रामा हुआ था, जिसके चलते मैच के दोनों दिन पूरे 90 ओवर नहीं हो सके थे. खास तौर पर दूसरे दिन तो जमकर बवाल मचा था और इसके कारण भारतीय कप्तान शुभमन गिल और अंपायर की बहस भी हुई थी. सिर्फ 18 ओवर के अंदर ही टीम इंडिया को 2 बार गेंद बदलनी पड़ी थी. वहीं इंग्लैंड ने भी अपनी गेंदबाजी के दौरान बदलाव की मांग की थी और गेंद को चेक करवाया था. इसके चलते दूसरे दिन सिर्फ 75 ओवर ही हो सके थे.