ऑपरेशन सिंदूर के बीच धर्मशाला मैच रद्द होने पर बुरी तरह डरा था यह खिलाड़ी, साथी प्लेयर ने कहा- वो मेरे बेटे जैसा था और मैं…

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नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति के बीच हुए सीजफायर से आईपीएल एक बार फिर अपने बाकी बचे सीजन को पूरा करने के तैयार है. लेकिन इस झटके के बाद कई विदेशी खिलाड़ी इस सीजन के बाकी बचे मैचों के लिए भारत आने को तैयार नहीं हैं. इनमें दिल्ली कैपिटल्स (DC) के युवा ओपनिंग बल्लेबाज जेक फ्रेजर मैकगर्क भी हैं, जिन्होंने भारत लौटने में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. इसके बाद दिल्ली ने बांग्लादेश के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को टीम में शामिल किया है. दिल्ली का फैसला विरोधी टीम की बैटिंग पर काट की तरह काम करेगा, जो अपने कटर और धीमी गेंदों से बल्लेबाजों को परेशान करने में माहिर रहे हैं.

इस बीच समाचार एजेंसी आईएएनएस को पता चला है कि ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश विदेशी क्रिकेटर, खासकर दिल्ली कैपिटल्स (DC) और पंजाब किंग्स (PBKS) के सेट-अप में, पिछले हफ्ते धर्मशाला में मैच रद्द होने के बाद अपने जीवन के लिए डर और तनाव से ग्रसित थे. फ्रेजर-मैकगर्क के बचपन के कोच शैनन यंग, ​​जो उस समय धर्मशाला में थे, ने बुधवार को बताया, ‘उस समय धर्मशाला में मौजूद ज्यादातर विदेशी खिलाड़ियों की तुलना में जेक को ज्यादा झटका लगा था. यह (आईपीएल 2025 से बाहर होने का उसका फैसला) हैरानी भरा नहीं है, यह देखते हुए कि वह डीसी सेटअप में सबसे कम उम्र का विदेशी खिलाड़ी है. इसके अलावा, धर्मशाला में मैच से एक दिन पहले वह काफी असहज था, और फिर जाहिर है कि जब हम वहां से निकल गए, तो हम दूसरों के साथ दिल्ली वापस आ गए.’

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उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर, वह कुछ भी अच्छा महसूस नहीं कर रहा था, और मैं बहुत आभारी हूं कि मैं उसे इस सब से बाहर निकालने में मदद करने के लिए वहां था. मेरा मतलब है, यह मेरे जैसे 50 वर्षीय, काफी यात्रा करने वाले व्यक्ति के लिए काफी कठिन था, एक युवा बच्चे की तो बात ही छोड़िए. मैं एक ऐसे खिलाड़ी की सहायक भूमिका में वहां था जो मेरे लिए एक क्रिकेटर से ज्यादा एक बेटे जैसा है.’

एजेंसी को यह भी पता चला है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार तनाव बढ़ने के कारण दोनों टीमों के कुछ विदेशी खिलाड़ियों, खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने 8 मई को धर्मशाला में खेलने को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन टूर्नामेंट अधिकारियों ने उन्हें किसी तरह मैदान में उतरने के लिए मना लिया.

लेकिन पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और हवाई हमलों के कारण जम्मू, उधमपुर और पठानकोट में ब्लैकआउट हो गया, जो धर्मशाला से 250 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित हैं, इसलिए मैच को केवल 10.1 ओवर के खेल के बाद रद्द कर दिया गया और इसके कारण खिलाड़ियों को कड़ी सुरक्षा के बीच अपने होटलों में वापस जाना पड़ा.

आईपीएल से जुड़े सभी लोगों को बसों के जरिए नई दिल्ली ले जाने की व्यवस्था की गई, जहां से उन्हें जालंधर ले जाया गया, जहां से शुक्रवार रात को एक विशेष ‘वंदे भारत’ ट्रेन उन्हें भारत की राष्ट्रीय राजधानी लेकर आई. मेलबर्न में रहने वाले यंग, ​​जो नीदरलैंड के कप्तान स्कॉट एडवर्ड्स के भी कोच हैं, ने इस बारे में और स्पष्टीकरण दिया कि विदेशी खिलाड़ियों और कोचों में आईपीएल 2025 के शेष मैचों के लिए इतनी जल्दी भारत वापस आने को लेकर अभी भी बहुत डर और अनिच्छा क्यों है.

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‘धर्मशाला में हुई घटनाओं के तुरंत बाद दिल्ली कैपिटल्स के पूरे प्रबंधन और कर्मचारियों ने हमारी सुरक्षा के लिए अविश्वसनीय देखभाल और चिंता दिखाई. वे उस अनिश्चित और चिंताजनक समय के दौरान वास्तव में अद्भुत थे.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे आपको यह बताना होगा कि धर्मशाला में हम जहां थे, वहां से लगभग 80 किलोमीटर दूर खुली लड़ाई विदेशी लोगों, जिनमें ऑस्ट्रेलियाई भी शामिल हैं, के लिए बिल्कुल विदेशी अवधारणा है. मैं जानता हूं कि कुछ भारतीयों के लिए 60-80 किलोमीटर की दूरी बहुत लंबी है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में, हम 45 मिनट में 60 किलोमीटर की यात्रा करते हैं, इसलिए यह बहुत करीब है.’ इसके चलते खिलाड़ियों को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंताएं थीं.

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