संभल हिंसा की न्यायिक जांच होगी. यूपी की योगी सरकार ने संभल बवाल की जांच के लिए तीन सदस्यी न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. दो महीने में न्यायिक आयोग को जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी. वहीं, संभल हिंसा में मृतक परिजनों को जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर पूरे संभल में अलर्ट जारी किया गया है. पूरे इलाके में धारा 163 लागू कर दिया गया है. जुमे की नमाज के दौरान ड्रोन से हर गतिविधियों की निगरानी की जाएगी.
तीन सदस्यी जांच आयोग गठित
राज्य गृह विभाग के आदेश के अनुसार, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यी समिति को संभल हिंसा की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. समिति के दो अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन हैं. समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है. आयोग दो माह में जांच करके पता लगाएगा कि यह घटना कोई सुनियोजित साजिश थी अथवा अचानक घटित हुई थी. यदि साजिश थी तो इसके पीछे किन लोगों की भूमिका थी. साथ ही घटना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था बरकरार रखने का लिए उठाए गए कदम सही थे कि नहीं.
जमीयत उलेमा-ए हिंद ने मृतक के परिजनों को दिए 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान
वहीं, जमीयत उलेमा-ए हिंद की ओर से हिंसा में मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है. जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने संभल में मृतक के परिजनों से मुलाकात की. उनका आरोप है कि स्थानीय पुलिस लोगों को गिरफ्तार कर बयान बदलवा रही है. इतना ही नहीं मौलाना ने कहा कि संभल में पुलिस प्रशासन ने जो अमानवीय अपराध किया है, वह किसी भी तरह से स्वीकार्य-योग्य नहीं है, हम इसके विरुद्ध हर स्तर पर लड़ेंगे और पीड़ितों एवं गिरफ्तार निर्दोषों को न्याय दिलाएंगे. मौलाना मदनी ने ऐलान किया कि जमीयत उलमा सभी मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देगी, इसके अलावा जो घायल हुए हैं, उनके इलाज के लिए सहायता का हाथ बढ़ाया जाएगा.