लखनऊ: यूपी पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के दूसरे दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों पर बात की है। सीएम योगी ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यालय पर बैठकर पुलिसिंग नहीं हो सकती है। साथ ही कहा कि जब कोई व्यक्ति काल का ध्यान नहीं रखता तो वह महाकाल का शिकार होता है।

सीएम योगी ने कहा कि किस प्रकार पुलिस हमें चाहिए उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दो दिनों के अंदर जो रोडमैप तैयार किया गया है, वो अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। 11 सत्रों पर विचार हुआ है। अलग अलग क्षेत्र में क्या नवाचार हो सकते हैं, और वे नवाचार हमें कैसे समसामयिक चुनौतियों से जूझने और उसके अनुरूप रणनीति तैयार करने के लिए कैसे तैयार कर सकते हैं, उसी पर आधारित ये पुलिस मंथन था। आज 4 लाख सिविल पुलिस है। साढ़े 8 सालों में लोगों में हमारे प्रति धारणाएं बदली है। कानून के दायरे का हर व्यक्ति को एहसास कराया है। तब जाकर लोगों की धारणा यूपी के बारे में बदली है।
‘अलग-अलग सक्सेस स्टोरीज को भी समाहित करें’
सीएम योगी ने कहा कि इस पुलिस मंथन के कार्यक्रम में आगे अलग-अलग सक्सेस स्टोरीज को भी समाहित करें तो अच्छा होगा। जैसे यहां पुलिस कमिश्नर आगरा ने उस घटना का उल्लेख किया जो धर्म परिवर्तन के साथ नेशनल सिक्योरिटी के लिए एक थ्रेट आगरा से देखने को मिला था। यह आंखे खोलने वाला उदाहरण था, यह सिर्फ आगरा ही नहीं बल्कि अनेक जगहों पर देखने को मिलेगा। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने पैदा किये जाने वाली चुनौतियां है। इन सब पर हमको आगे तैयार करना होगा, पहले से यह प्रजेंटेशन तैयार रखना होगा, टाइम एंड स्पेस का यहां पूरा ध्यान रखा गया।
‘देश का 55 प्रतिशत एक्सप्रेसवे यूपी में’
सीएम ने कहा कि अक्सर होता है, कोई महाकाल का शिकार क्यों होता है, क्योंकि वह काल का ध्यान नहीं देता है, लेकिन यहां पर आपने काल का ध्यान रखा तो महाकाल भी आपका सहयोग करेगा। सीएम योगी ने कहा कि हर व्यक्ति मानता है कि आज यूपी में परिवर्तन हुआ है। अगर सुरक्षा नहीं होती तो इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत नहीं होता। आज मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि देश का 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में है, पिछले 9 वर्षों के अन्दर ये सभी तैयार किए गए हैं।
‘नौकरी के लिए नहीं देखते मजहब’
नौकरी के लिए हमने किसी की जाति, चेहरा और मजहब नहीं देखा है। अगर कोई योग्य है तो वो उसका अधिकार है। अगर किसी ने कानून को ठेंगा दिखाने की कोशिश की है तो कानून ने उसी प्रकार से उंसके गिरबे को पकड़ने का प्रयास किया है। ये सब यूपी ने करके दिखाया है। अलग-अलग राज्यो में इसके उदाहरण दिए जा रहे हैं।
‘जनप्रतिनिधि के फोन कॉल को रिसीव करना होगा’
सीएम ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए, पुलिस वर्ग का दोस्ताना व्यवहार और उसकी संवेदना एक कॉमन मैन की समस्या का समाधान तो करता ही है, कॉमन मैन के मन में आपके प्रति एक बेहतर धारणा भी बनाता है। ह्यूमन इंटेलिजेंस हमारा सबसे बड़ा हथियार है। सीएम योगी ने पुलिस अधिकारियो से कहा कि जब आप जिले में जाएं तो जनप्रतिनिधियों से बातचीत करें। जनप्रतिनिधि लोकतांत्रिक व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। कोई भी जनप्रतिनिधि गलत कार्य के लिए नहीं बोलता है। उन्होंने कहा कि अगर हम संवाद नहीं करेंगे तो जनप्रतिनिधि को पीड़ित की बात ही सच लगेगी। जनप्रतिनिधि के फोन कॉल को रिसीव करना होगा।
‘पिछले 9 सालों से राजनीतिक दखल न्यूनतम’
सीएम योगी ने कहा कि सिर्फ मुख्यालय पर बैठकर हम पुलिसिंग नहीं कर सकते हैं। थाना, सर्किल और पुलिस लाइन में भी बेहतर समन्वय होना चाहिए। कहीं घटना घटित होती है तो थाना इंचार्ज को जवाबदेही बनाते हैं, लेकिन सर्किल की भूमिका क्या है। हमारा प्रयास है कि राजनीतिक दखल न्यूनतम रहे। लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनौतीपूर्ण कार्य है। पिछले 9 सालों में राजनीतिक दखल न्यूनतम है। बिना हस्तक्षेप के आप काम कर सकें। एक पुलिस अधिकारी 2 साल तक एक जिले में सेवा दे रहा है। पहले एक-दो तीन महीने में ट्रांसफर हो जाता था। अच्छे अधिकारी का लाभ अन्य जिलों को भी मिलना चाहिए। जब किसी गलत, भ्रष्ट अधिकारी को हटाते हैं तो जनता धन्यवाद देती है।



