देहरादून: इस बार उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में मानसून अत्यधिक प्रभावशाली रहेगा. तमाम वैज्ञानिक इस बात का जिक्र कर रहे हैं. उत्तराखंड हर साल बारिश तबाही मचाती है. ऐसे में बारिश की पूर्व सूचना के लिए मौसम विज्ञान केंद्र ने पहाड़ के साथ-साथ अब मैदानी इलाकों में भी डॉप्लर राडार लगाने की योजना बनाई है.
कहां कहां लगे हैं डॉप्लर रडार: उत्तराखंड में अब तक पहाड़ी इलाके जैसे लैंसडाउन, मुक्तेश्वर, सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगे हुए हैं. मौसम विभाग भी अभी तक पहाड़ों में होने वाली बारिश का अनुमान लगाने का ही प्लान बना रहा है. ऐसा पहली बार है जब हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जिलों में भी मौसम विज्ञान केंद्र डॉप्लर रडार लगाने की योजना बना रहा है. इस योजना पर काम शुरू भी हो चुका है.
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने कहा पहाड़ के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी हो रही बारिश बादल फटने की घटना होती है. इन इलाकों में भी डॉप्लर रडार लगाने की योजना है. उन्होंने बताया डॉप्लर रडार 100 किलोमीटर के दायरे में काम करता है. यानी जहां भी यह लगेगा उसके आसपास के 100 किलोमीटर का इलाके के मौसम जुड़ी जानकारी का अपडेट लिया जा सकेगा.
उत्तराखंड में इस बार अत्यधिक बारिश होने की भी संभावना जताई जा रही है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग और मौसम विभाग दोनों ही मिलकर इस योजना पर काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में चमोली, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में डॉप्लर रडार लगाने का काम शुरू हो जाएगा. यह काम मानसून से पहले पूरा हो सके इसके लिए भी प्रयास किया जा रहे हैं. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने जगह भी चिन्हित कर ली है.
कैसे काम करता है ये रडार: डॉप्लर रडार रेडियो तरंगों की तरह काम करता है. बरसात आंधी तूफान और मौसम में होने वाले हर परिवर्तन को तत्काल पहचान कर यह रडार रिपोर्ट आगे भेजता है. जिसके बाद मौसम विज्ञान केंद्र लोगों को सटीक मौसम की जानकारी और अलर्ट जारी करता है. तेज आंधी तूफान और बादल फटने जैसी जानकारी को यह पहले ही भांप लेता है. ऐसे में पहाड़ के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी इसके लगने से न केवल आम जनता बल्कि किसानों को भी बेहद फायदा मिलेगा.