संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा में प्रदेश के मुख्य सचिव और नोएडा- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में 29 मार्च को संपन्न बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लग गई है। आगामी वित्त वर्ष में सर्वाधिक जोर जमीन अधिग्रहण, विकास एवं निर्माण कार्यां पर रहेगा। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने तथा गांवों व सेक्टरों के विकास कार्यों पर रहेगा। इसके साथ ही आगामी वित्त वर्ष में आमदनी और खर्च की रकम भी बराबर रहने का आकलन लगाया गया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्फ़ बैठक में अमिताभ कांत समिति के सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को हल करने के लिए लाई गई पॉलिसी/पैकेज का अब तक 98 में से 77 बिल्डर परियोजनाओं को लाभ मिला है। इन परियोजनाओं को पूरा कर खरीदारों को उनका आशियाना देने का रास्ता साफ हुआ है। इन 77 परियोजनाओं में शामिल लगभग 76 हजार फ्लैटों में से अब तक 35494 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के कुल 98 प्रोजेक्ट्स हैं जो कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर तैयार पॉलिसी के दायरे में आते हैं।
इनमें से 77 परियोजनाओं के लिए 25 फीसदी धनराशि (पूर्ण व आंशिक मिलाकर) जमा कराई गई, जिससे प्राधिकरण को लगभग 1014 करोड़ की बकाया धनराशि प्राप्त हुई है और एक वर्ष में लगभग 1864 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त होने की उम्मीद है। इन 77 परियोजनाओं में 76 हजार फ्लैट हैं, जिनमें से 40003 के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया गया है, जिसमें से 35494 फ्लैटों की रजिस्ट्री अब तक हो चुकी है। वहीं जिन बिल्डरों ने इस पॉलिसी का लाभ लेकर भी 25 प्रतिशत धनराशि जमा नहीं की है, उनके विरुद्ध अंतिम नोटिस भी जारी किया गया है। प्राधिकरण चेयरमैन ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बड़ी संख्या में फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री कराने की सराहना की।