संचार नाउ, मोदीनगर। मोदीनगर के गांव चुड़ियाला में 3 अगस्त 2025 को देहात मोर्चा द्वारा “1857 की क्रांति में सीकरी खुर्द एवं मोदीनगर क्षेत्र का योगदान” विषय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता चौधरी महावीर भड़ाना (धनतला) ने की, जबकि संचालन महासचिव प्रिंसिपल मन्तराम नागर ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता देहात मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राव संजय भाटी ने बताया कि 1857 के विद्रोह में सीकरी खुर्द और मोदीनगर क्षेत्र के सैकड़ों क्रांतिकारी सीकरी के श्री महामाया देवी मंदिर के तहखाने में गुप्त बैठकें करते थे। अंग्रेजी सरकार को भनक लगते ही 132 क्रांतिकारियों को बरगद के पेड़ पर फांसी दी गई और 30 को गोली मार दी गई। इस संघर्ष में गुर्जर, त्यागी, जाट, मुस्लिम और अन्य समुदायों ने जात-पात और भेदभाव से ऊपर उठकर एक साझा विद्रोह का स्वरूप दिया।
भाटी ने बताया कि स्थानीय किसानों, छोटे जमींदारों, धार्मिक नेताओं और मौलवियों ने आर्थिक, नैतिक और सूचनात्मक सहयोग देकर क्रांतिकारियों को आश्रय, राशन और आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई। ग्यासपुर, असौड़ा, नहटौर जैसे गांव और त्यागी समाज ने इसमें विशेष भूमिका निभाई। ग्यासपुर में क्रांतिकारियों ने पांच ब्रिटिश अधिकारियों को मृत्युदंड दिया। इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत ने कुम्हेड़ा, खिड़ौड़ा, भनैड़ा, सुहाना सहित कई गांवों को दंडित किया, जमीनें जब्त कीं और इन्हें “विद्रोही गांव” घोषित कर सामाजिक-आर्थिक रूप से अलग-थलग कर दिया, जिसका असर कई पीढ़ियों तक रहा।
इस दौरान उन्होंने मांग की कि सरकार 1857 के क्रांतिकारियों के योगदान के लिए एक सरकारी आयोग बनाए, प्रमुख स्थलों पर शिलापट स्थापित करे और उनकी वीरगाथाओं को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करे।
गोष्ठी के कार्यक्रम में डॉ. राजबल सिंह चंदीला, देवराज नागर, पूर्व इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह, एड. डीसी बंसल, एड. विजेंद्र कसाना, प्रधान गजेंद्र सिंह, डॉ. रामकिशोर गौतम, अरुण कसाना, वीरेंद्र फौजी, मुनीराम कसाना सहित अनेक वक्ताओं ने विचार रखे। कार्यक्रम में क्षेत्र के गणमान्यजन, देहात मोर्चा के कार्यकर्ता, किसान और सामाजिक संगठन के लोग भारी संख्या में शामिल हुए। अंत में 2 मिनट का मौन रखकर 1857 के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।