नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) भी छोड़ दी है। उन्होंने ऐसे समय पार्टी से इस्तीफा दिया है, जब पार्टी के कई बड़े नेता जेल में बंद हैं और लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं। वहीं आप सांसद संजय सिंह और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि राजकुमार आनंद जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नवंबर में उनके घर पर छापा मारा था।
अरविंद केजरीवाल भी फिलहाल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में जेल में बंद हैं। राजकुमार शुरुआत से ही आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। केजरीवाल उनकी सादगी और मेहनत के लिए काफी पसंद करते थे। राजकुमार आनंद दिल्ली विधानसभा 2020 चुनाव जीतने के बाद पटेल नगर विधानसभा से विधायक बने थे।
इस्तीफा देते समय आप पर लगाए गंभीर आरोप
इस्तीफा देते समय राजकुमार ने आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार में डूब गई है अब मैं इस पार्टी में नहीं रह सकता। राजकुमार को 3 नवंबर, 2022 को दिल्ली कैबिनेट में शामिल किया गया था। उनके पास समाज कल्याण, एससी और एसटी, गुरुद्वारा चुनाव, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार विभाग थे।
राजकुमार के इस्तीफे के बाद AAP की प्रेसवार्ता
संयज सिंह और सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि राजकुमार आनंद भाजपा में जल्द ही शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हमें जिसकी चिंता थी, वही होने लगा है, यह हम पहले ही दिन से कह रहे थे। आज के बाद एक सवाल बंद हो जाएगा। कि ईडी की गिरफ्तारी के पीछे आप को तोड़ने का मकसद है। यही काम अब दिल्ली में किया जा रहा है।
आज आप के एक एक मंत्री और विधायक की भी अग्नि परीक्षा है, कि हम कैसे इस माहौल में भाजपा से लड़ सकते हैं। आप लोग देख लेना कि आनंद जल्दी भाजपा में शामिल होंगे। जबकि भाजपा ने ही इन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और दो नवंबर को 23 घंटे तक ईडी का छापा पड़ा था।
हम राजकुमार आनंद को धोखेबाज नहीं कहेंगे। वह ईडी से डर गए हैं। एक और जानकारी मिली है कि उन्हें 12 अप्रैल का ईडी का नोटिस भी मिला था। हमें राजकुमार आनंद नहीं बनना है,अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया बनना है। हमें राजकुमार आनंद से सहानुभूति है। यह पूछे जाने पर कि आनंद ने कहा है कि भाजपा में नही जाऊंगा। इस पर उन्होंने कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए, सभी कुछ सामने आएंगे।
कौन हैं राजकुमार आनंद, कैसे राजनीति में रखा कदम
राजकुमार आनंद ने 2011 में ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। जहां वे अरविंद केजरीवाल और उनके दृष्टिकोण, “राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा” से बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद वो आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और 2020 में दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा से विधायक चुने गए।
गरीबी के चलते मां-बाप से होना पड़ा दूर, नाना ने की परवरिश
राजकुमार आनंद को बचपन में गरीबी ने उन्हें माता-पिता से दूर कर दिया। गरीबी के कारण उनके माता-पिता को उन्हें उनके नाना-नानी के पास अलीगढ़ भेजना पड़ा। नाना-नानी के घर पहुंचकर भी राजकुमार आनंद की मुश्किलें आसान नहीं हुईं। हालांकि, थोड़ी राहत जरूर मिली। राजकुमार आनंद को अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के लिए अलीगढ़ के ताला फैक्ट्री में एक बाल मजदूर के रूप में भी काम करना पड़ा।
ट्यूशन से निकाला, MA-L. L. B की पढ़ाई का खर्च
स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई भी राजकुमार ने मुश्किल से की। एमए और एलएलबी की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे तो उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। हालात फिर भी नहीं सुधरे तो फैक्ट्रियों के बाहर फेके गए फोम से तकिया बनाना शुरू किया। अथक प्रयास के बाद वह रैक्सीन लेदर के एक सफल व्यवसायी बने।