प्रधानाचार्य हत्याकांड में शामिल दो बदमाशों की पुलिस से मुठभेड़, एक को लगी गोली; दोनों गिरफ्तार

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यूपी के भदोही में प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक, 27 साल पहले हुए एक मर्डर का बदला लेने के लिए प्रिंसिपल की हत्या करवाई गई. फिलहाल, पुलिस ने इस वारदात के मास्टरमाइंड सौरभ सिंह सहित अन्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, हत्याकांड के शूटर अभी भी फरार हैं.

बताया जा रहा है कि 27 साल पूर्व सौरभ के पिता अजय बहादुर सिंह की हत्या हुई थी. उस वक्त सौरभ साल भर का भी नहीं था. लेकिन जैसे-जैसे वो बड़ा हुआ पिता की हत्या का बदला लेने के लिए साजिश रचने लगा. 21 अक्टूबर को मौका पाकर उसने भाड़े के शूटरों से इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर की दिनदहाड़े हत्या करवा दी.

बता दें कि 27 साल पहले सौरभ के पिता अजय बहादुर सिंह की नेशनल इंटर कॉलेज में नियुक्ति होनी थी, लेकिन उसी दौरान उनकी हत्या हो गई थी. इस हत्या के बाद योगेंद्र बहादुर सिंह की जॉइनिंग हो गई. उधर, सौरभ के पिता की हत्या में दो लोग नामजद हुए थे, लेकिन बाद में दोनों बरी हो गए. इधर, सौरभ के मन में बदले की भावना पनपती रही. जो दो लोग अजय बहादुर की हत्या में आरोपी बनाए गए थे उनमें योगेंद्र बहादुर भी शामिल थे.

पिता की हत्या का बदला लेने लेने के लिए करवाया मर्डर 

मामले में भदोही पुलिस ने बताया कि जिस समय अजय बहादुर सिंह की हत्या हुई थी उनका बेटा सौरभ सिंह 5-6 महीने का था. सौरभ का मानना था कि अगर उसके पिता की हत्या नहीं हुई होती तो योगेंद्र बहादुर प्रिंसिपल नहीं बनते. ऐसे में वह प्रिंसिपल से दुश्मनी रखने लगा.

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प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह की हत्या के लिए सौरभ सिंह ने 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी. एक महीने से शूटर्स प्रिंसिपल की रेकी कर रहे थे. इस बीच बीते 21 अक्टूबर को घर से कॉलेज जाते समय प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर की उनके कार में ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस पूरे मामले में पुलिस ने तफ्तीश करना शुरू किया तो पता लगा कि 27 वर्ष पुराने रंजिश में एक पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसके बेटे ने सुपारी देकर यह हत्या कराई.

पुलिस ने बताई ये कहानी 

पुलिस के मुताबिक, 27 वर्ष पहले अजय बहादुर सिंह के नेशनल इंटर कालेज में आयोग से शिक्षक के पद पर चयन हुआ लेकिन उनकी जॉइनिंग नहीं हुई और इसी दौरान मैनेजमेंट ने योगेंद्र बहादुर सिंह को शिक्षक के पद पर नियुक्त कर दिया था. जबकि, अजय बहादुर सिंह अपनी नियुक्ति के लिए अड़े रहे. इस दौरान अजय बहादुर सिंह की रास्ते में गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप मृतक प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह और उनके भाई पर लगा लेकिन दोनों न्यायालय से दोषमुक्त हो गए.

इधर घटना के 27 साल बीत जाने के बाद हाल ही में योगेंद्र बहादुर सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल बनाए गए. इससे अजय बहादुर के बेटे सौरभ सिंह को लगा कि अगर उसके पिता जिंदा होते तो वो कॉलेज के प्रिंसिपल होते. वह इस बात को सहन नहीं कर सका. जिसके चलते उसने अपने एक साथी कलीम के साथ मिलकर भाड़े के शूटरों को प्रिंसिपल की हत्या की सुपारी दे दी.

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मामले में सर्विलांस के मदद से पुलिस ने हत्या का षड्यंत्र रचने में सौरभ सिंह और कलीम को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही घटना की रेकी में प्रयुक्त सफारी वाहन भी बरामद किया है. पुलिस ने बीती रात मुठभेड़ के बाद दो अन्य साजिशकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया. मुठभेड़ में एक के पैर में गोली लगी है. दोनों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित था. उनके पास से तमंचा, कारतूस व बाइक बरामद हुई है

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