संचार नाउ। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया तेज हो गई है। इस योजना की विशेषता यह है कि इसमें अविवाहित बेटियों को भी बेटों की तरह प्लॉट और मुआवजा मिलेगा। यह कदम महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में मदद करेगा। जिला प्रशासन द्वारा कराए गए हालिया सर्वे में सामने आया है कि इस विस्तार योजना से करीब 17,945 परिवार सीधे प्रभावित होंगे। 7 सरकारी विद्यालयों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ेगा। प्रशासन ने पुनर्वास को लेकर विस्तृत योजना तैयार कर ली है, जिसे मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा गया है।
96 प्रतिशत छोटे किसान शामिल
अधिकांश प्रभावित परिवार छोटे किसान हैं, जिनकी आय खेती और पशुपालन पर निर्भर है। इनकी वार्षिक आमदनी 50 हजार से एक लाख रुपये के बीच है। सिर्फ 4 प्रतिशत परिवारों की सालाना आय 5 लाख रुपये से अधिक है। प्रशासन का मानना है कि यह विस्थापन सिर्फ स्थान परिवर्तन नहीं, बल्कि आजीविका और सामाजिक संरचना में भी बदलाव लाएगा। इसलिए नई जगह पर पशुपालन के लिए भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
340 हेक्टेयर में बनेगा नया गांव
प्रशासन ने जेवर के पास अलावलपुर, मंगरौली, अहमदपुर चरौली और नीमका शाहजहांपुर क्षेत्रों में 340 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की है। यहां एक आधुनिक पुनर्वास कॉलोनी विकसित की जाएगी। प्रभावित परिवारों को उनके सदस्य संख्या और जरूरतों के आधार पर 50 से 500 वर्ग मीटर के प्लॉट दिए जाएंगे। इस नए गांव में सड़कें, पानी, बिजली, सीवेज सिस्टम, राशन की दुकानें, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी और श्मशान घाट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
गुजारा भत्ता मिलेगा
प्रभावित परिवारों को एक वर्ष के लिए तीन हजार रुपये प्रति माह का गुजारा भत्ता, 50 हजार रुपये का परिवहन मुआवजा और अनुसूचित जाति व जनजाति परिवारों को अतिरिक्त 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। हर परिवार से एक सदस्य को एयरपोर्ट से जुड़े कार्यो में नौकरी मिलेगी।
प्रशासन ने भेजा प्रस्ताव
योजना का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने तैयार कर सरकार को भेज दिया है। एडीएम (एलए) बच्चू सिंह ने बताया कि सरकार की मंजूरी के बाद इस योजना को लागू किया जाएगा। नोएडा एयरपोर्ट के विस्तार से जुड़ी यह योजना किसानों का भविष्य तय करेगी।