संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा में उच्च शिक्षा और ग्लोबल इनोवेशन के नए दौर की शुरुआत हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख संस्था वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के साथ आधिकारिक तौर पर समझौता कर उत्तर प्रदेश में पहले विदेशी विश्वविद्यालय कैंपस के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया। नई दिल्ली स्थित आईटीसी मौर्या होटल में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया सरकार, यूपी सरकार और भारत की हायर एजुकेशन कम्युनिटी के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस साझेदारी से ग्रेटर नोएडा को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में नई पहचान मिलने जा रही है।

दरअसल, ग्रेनो प्राधिकरण ने विश्वविद्यालय को 40,000 वर्ग फुट जगह लीज पर उपलब्ध कराई है, जहाँ अत्याधुनिक कैंपस तैयार किया जाएगा। यह कदम सीएम योगी आदित्यनाथ के उस विजन को मजबूती देता है जिसमें यूपी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा, उद्योग और नवाचार का हब बनाने का लक्ष्य शामिल है। प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार के नेतृत्व में कैंपस निर्माण के लिए हर संभव सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

कैंपस में सस्टेनेबिलिटी, वॉटर मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर, एआई, बिजनेस इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में ग्लोबल लेवल की पढ़ाई और रिसर्च कराई जाएगी। पहले चरण में बिजनेस एनालिटिक्स, मार्केटिंग, डेटा साइंस, सस्टेनेबल वॉटर फ्यूचर्स और एग्रीकल्चर में प्रोग्राम शुरू होंगे, जबकि दूसरे चरण में इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप और सप्लाई चेन मैनेजमेंट जैसे कोर्स जोड़े जाएंगे।
कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि यह साझेदारी राज्य की बढ़ती क्षमता और वैश्विक भरोसे को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह कैंपस विशेष रूप से युवाओं और लड़कियों के लिए नए अवसर खोलेगा। वहीं अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने इसे युवाओं की उम्मीदों और अवसरों के बीच की दूरी कम करने वाला ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय की मौजूदगी टेक्नोलॉजी और इनोवेशन इकोसिस्टम को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाएगी।












