कानपुर : डीएम जितेंद्र सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच चल रहे विवाद में बुधवार को नया मोड़ आ गया है. शासन ने डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन रद कर दिया है और उनकी जगह आए डॉ. उदयनाथ को वापस श्रावस्ती भेज दिया गया. डॉ. हरिदत्त नेमी को फिर से कानपुर सीएमओ पद पर बहाल कर दिया गया है. अपने निलंबन के खिलाफ CMO हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने हरिदत्त के पक्ष में फैसला सुनाया था.
शासन की ओर से जारी आदेश
विशेष सचिव आर्यका अखौरी की ओर से जारी आदेश में में कहा गया है कि 19 जुलाई को डॉ. उदयानथ क अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को मुख्य चिकित्साधिकारी कानपुर नगर पर तैनात किया गया था. इस आदेश के विरुद्ध कानपुर के तत्कालीन सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने हरिदत्त नेमी के निलंबन पर 7 जुलाई को रोक लगा दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद डॉ. उदयनाथ को कानपुर सीएमओ के पद से हटाकर वापस श्रावस्ती अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर भेज दिया गया है.
कब और कैसे शुरू हुआ विवाद ? डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के दफ्तर पर छापेमारी की थी. इसमें सीएमओ समेत बड़ी संख्या में अधिकारी बिना सूचना गैरहाजिर मिले थे. कई बार स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण में भी डीएम को भारी गड़बड़ियां मिलीं थीं, जिसकी चर्चा लगातार हो रही थी. इस मामले में ऑडियो भी वायरल हुआ था. जितेंद्र प्रताप सिंह, डीएम, कानपुर नगर ने सीएमओ के खिलाफ कई अनियमितताएं मिलने के बाद उनको हटाने के लिए एक चिट्ठी शासन को भेजी.
19 जून को किया गया था सस्पेंडः इसके बाद शासन ने डॉ. हरिदत्त नेमी को 19 जून को सस्पेंड कर दिया था. सचिव रितु माहेश्वरी की ओर से पत्र जारी कर कहा गया था कि सीएमओ ने कई नियुक्तियों के प्रकरण में अपने स्तर से लापरवाही बरती. डॉ. हरिदत्त नेमी को चिकित्सा निदेशालय से सम्बद्ध कर दिया गया है. वहीं, श्रावस्ती से डॉ. उदय नाथ को कानपुर का नया सीएमओ बनाया गया.
डीएम पर लगाए थे गंभीर आरोपः दूसरी ओर सस्पेंड सीएमओ ने डीएम जितेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए. मीडिया से कहा था कि हर मीटिंग में डांटते-फटकारते थे. एक फर्म के 30 लाख रुपये की पेमेंट का मुझ पर दबाव बनाया था. जूनियर्स के सामने मुझे जातिसूचक शब्द कहे. मंदबुद्धि कहते थे. जानबूझकर मेरे विभाग का निरीक्षण कर कमियां निकालीं.
8 जुलाई को हाईकोर्ट से मिली थी राहतः बता दें कि सीएमओ के पक्ष में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा था. वहीं, भाजपा एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी की ओर से भी सीएमओ के पक्ष में डिप्टी सीएम को पत्र भेजा गया था. जिसमें लिखा गया था कि डॉक्टर हरिदत्त नेमी का ट्रांसफर न किया जाए. इसके बाद सस्पेंड किया गया था. सस्पेंड होने के बाद हरिदत्त नेमी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद 8 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीएमओ को बड़ी राहत देते हुए निलंबन पर रोक लगा दी और प्रदेश सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा था.
दो सीएमओ पहुंच गए कार्यालयः इसके बाद 9 जुलाई को खुद सीएमओ कार्यालय पहुंचकर नेमी ने दोबारा से चार्ज ले लिया था. तभी मौजूदा समय में कार्यरत सीएमओ डॉ. उदयनाथ पहुंच गए थे. दोनों अफसरों के बीच कहासुनी के बाद मामला गर्मा गया था. इस मामले की जानकारी जैसे ही शासन तक पहुंची तो शासन ने बुधवार देर रात पूर्व सीएमओ को फटकार लगायी और उनके खिलाफ जांच के आदेश जारी कर दिए.
मैं वापस श्रावस्ती जा रहा हूंः डॉ. उदय नाथ ने कहा कि मुझे शासन के आदेश पर श्रावस्ती एसीएमओ के पद पर भेजा जा रहा है. मैं वहां ज्वाइन करने जा रहा हूं. डॉ. हरिदत्त का फिर से सीएमओ कानपुर के पद पर बहाल कर दिया गया है. वे चार्ज लेंगे.
मामले पर एक नजर :
- 19 जून 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सरकार ने सीएमओ डॉ. हरि दत्त नेमी को निलंबित कर दिया और उनकी जगह डा. उदय नाथ को नियुक्त किया.
- जिसके बाद वहां का कार्यभार डा. उदय नाथ सम्भालने लगे.
- 8–9 जुलाई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने निलंबन पर स्टे लगा दिया और सरकार को जवाब देने का आदेश दिया गया.
- वहीं निलंबन के बाद नेमी हाईकोर्ट पहुंच गए और वहां से स्टे मिलने के बाद वो खुद सीएमओ कार्यालय पहुंचकर दोबारा से चार्ज ले लिए.
- वहीं डा. हरिदत्त नेमी का कहना है कि, हाईकोर्ट की ओर से उनके खिलाफ जो निलंबन का आदेश हुआ था, उस पर कोर्ट ने स्टे लगाया है, जिसके तहत वह कानपुर में कार्य कर सकते हैं. लेकिन कानपुर के प्रशासनिक अफसरों ने हाईकोर्ट के आदेश को नहीं माना.