नोएडा। किसानों का आंदोलन नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा जिन तीन मांग को लेकर सड़क पर उतरा है, उसको पूरा करा पाना संभव नहीं हो सकेगा।
किसानों की नई मांगें
यह तीन मांगें वर्ष 1997 से अब तक अधिगृहीत जमीन के एवज में सभी किसानों दस प्रतिशत का अतिरिक्त विकसित भूखंड व 64.7 का अतिरिक्त मुआवजा, नए भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से चार गुना मुआवजा राशि, हाईपावर कमेटी द्वारा जो किसानों के पक्ष में निर्णय लिया गया, उसे तत्काल प्रभाव से लागू कराना है।
बताया गया कि सिर्फ वर्ष 1997 से अब तक नोएडा प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण के एवज में करीब 16500 किसानों को पांच प्रतिशत का विकसित भूखंड देने का दावा कर रहा है, जबकि 6070 किसानों के पांच प्रतिशत के विकसित भूखंड आज भी किसानों को मिलने बाकी है।
अतिक्रमण दिखाकर भूखंड को रोका
नोएडा प्राधिकरण ने इन पर अतिक्रमण दिखाकर भूखंड को रोका है, जिसे हाईपावर कमेटी ने शासन को प्रस्तुत रिपोर्ट में स्पष्ट किया है। कहा है कि अतिक्रमण हटाकर नोएडा प्राधिकरण को दो माह में किसानों को पांच प्रतिशत का विकसित भूखंड देना चाहिए।
इसमें 57 किसानों को दीपावली से ठीक पहले नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने इंदिरा गांधी कला केंद्र में कार्यक्रम कर पांच प्रतिशत विकसित भूखंड का आवंटन पत्र थमाया है। अभी बाकी भूखंड किसानों को देने के लिए जमीन की तलाश पूरा नहीं कर पा रहा है।
तीनों प्राधिकरणों की उड़ा दी नींद
ऊपर से संयुक्त किसान मोर्चा की नए भूमि अधिग्रहण कानून से जमीन लेने की मांग ने तीनों प्राधिकरणों की नींद उड़ा दी है, क्योंकि इस कानून के तहत जमीन का अधिग्रहण करने पर किसानों को चार गुना मुआवजा प्राधिकरणों को देना होगा, साथ ही 20 प्रतिशत का विकसित भूखंड नए भूमि अधिग्रहण कानून में शामिल है।
भारतीय किसान परिषद के नेतृत्व में वर्ष 2019 से चली आ रही मांग पर सभी किसानों को दस प्रतिशत अतिरिक्त भूखंड उपलब्ध कराना है, जिसे अमल में लाकर नोएडा प्राधिकरण ने 2015वीं बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास कर दिया है।
प्रथम चरण में अदालत से आदेश लाने वाले किसानों को दस प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा देने के एवज में भूखंड नहीं होने की स्थिति पर उस भूखंड की कीमत के समतुल्य राशि (22000 रुपये प्रति वर्ग मीटर) दी है। इसमें 13 किसानों को पिछले सप्ताह पांच प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा राशि (1.29 करोड़ रुपये) का चेक थमाया गया, जिसे किसान प्रतिनिधियों के सामने एसीईओ संजय कुमार खत्री, भूलेख विभाग ओएसडी कांति शेखर सिंह व अरविंद सिंह ने दिया है।
प्राधिकरण अधिकारियों के सामने वर्तमान में 23 हजार से अधिक किसानों को नोएडा में पहले 10 प्रतिशत अतिरिक्त भूखंड की मांग को पूरा कर पाना मुश्किल लग रहा है, ऐसे में चार गुना मुआवजा व 20 प्रतिशत विकसित भूखंड की मांग चुनौती पूर्ण होगी।