ग्रेटर नोएडा जेवर से आसमान में उड़ान के बाद अब बात करते हैं, फिल्मों की मायावी दुनिया की. यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 21 में बनने वाली इंटरनेशनल फिल्म सिटी का शिलान्यास जनवरी में किया जा सकता है. मशहूर फिल्म निर्माता बोनी कपूर आज यमुना प्राधिकरण के सीईओ से मुलाकात की और फिल्म सिटी के पहले फेस का मास्टर प्लान सौंपा. जिसके अनुसार पहले फेज में 230 एकड़ जमीन पर निर्माण कार्य शुरू होगा, जिसमें 155 एकड़ में इंडस्ट्रियल और 75 एकड़ में कमर्शियल एक्टिविटीज होगी.
मशहूर फिल्म निर्माता बोनी कपूर की कंपनी देबू प्रोजेक्ट और भूटानी ग्रुप ने जुलाई महीने में फिल्म सिटी निर्माण के लिए जमीन का कब्जा लिया था. आज बोनी कपूर यमुना प्राधिकरण पहुंचे और सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह से मुलाकात कर फिल्म सिटी का मास्टर प्लान सौंपा. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भविष्य में बनने वाली फिल्म सिटी का खाका प्रस्तुत किया, उन्होंने कहा फिल्म सिटी का मास्टर प्लान बनाने के लिए दुनियाभर की कई फिल्म सिटी का अध्ययन किया गया है. दावा किया कि यह अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी विश्व में सबसे अलग होगी. जनवरी में प्रथम चरण के तहत फिल्म सिटी का शिलान्यास कर दिया जाएगा, प्रथम चरण को तीन वर्ष में पूरा किया जाएगा.
फिल्म सिटी से जुड़े मास्टर प्लान का खाका कुछ इस प्रकार है
प्रथम चरण में
फिल्मिंग सुविधाएं: 135 एकड़ में विकसित होगी
फिल्म संस्थान: 20 एकड़ भूमि में बनेगे
व्यवसायिक गतिविधियां: 75 एकड़ हो सकेगी
कुल 1510 करोड़ रुपये होंगे खर्च
फिल्म निर्माण के संसाधन पर खर्च: 832.91 करोड़
स्टूडियो, ओपन सेट्स सहित हास्पिटैलिटी: 373.93 करोड़
सर्विस एकोमोडेशन: 315.07 करोड़
फिल्म सिटी एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगी
फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने कहा कि धार्मिक स्थल मथुरा पास होने के साथ ही फिल्म सिटी एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकेगा. आगरा और मथुरा आने वाले पर्यटक यहां आए आ सकेंगे. फिल्म सिटी में संसद में बनी गैलरी के सामान भी गैलरी बनाई जाएगी, जिसमें बैठकर यहां होने वाली शूटिंग वह लोग प्रत्यक्ष रूप में देख सकेंगे. यहां घूमने आने वाले लोगों के लिए सिनेमा आधारित थीम पार्क बनाए जाएंगे और शॉपिंग सेंटर खुलेंगे.
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लगभग तैयार
बता दें कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जो अब लगभग तैयार. इंटरनेशनल फिल्म सिटी बीजेपी सरकार के दूसरी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसे पूरा कर योगी सरकार प्रदेश के विकास की एक मुकम्मल तस्वीर विधान सभा चुनाव से पहले पेश करना चाहती है.