संचार न्यूज़। पृथ्वी दिवस पर आयोजित वैश्विक मौसम घड़ी संयोजन तथा प्रदर्शन कार्यक्रम का गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजन किया गया। आयोजन में छात्रों के 39 सदस्यीय दल ने प्रबंधन संकाय की प्रोफेसर डॉक्टर श्वेता आनंद, तथा और पर्यावरण विज्ञान विभाग, व्यावसायिक अध्ययन और अनुप्रयक्त विज्ञान संकाय के डॉ. शिव शंकर, के नेतृत्व में भाग लिया।
यह कार्यक्रम एनर्जी स्वराज फाउंडेशन द्वारा अटल इनोवेशन मिशन (AIM), नीति आयोग, भारत सरकार, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के सहयोग से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लगभग 5000 छात्रों ने एक स्थान पर एक साथ कई जलवायु घड़ियों का संयोजन किया।
भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान, मुंबई के प्रोफेसर तथा एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी, ने दुनिया के सबसे बड़े मौसम घडी संयोजन कार्यक्रम की विषयवस्तु से सभी प्रतिभागियों को परिचित कराया।
घटना के प्रतिभागियों ने जलवायु घड़ी को संयोजित किया जो प्रमुख समाधान मार्गों (“लाइफलाइन”) पर हमारी प्रगति पर नज़र रखते हुए शून्य उत्सर्जन (हमारी “समय सीमा”) तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण समय सीमा की गिनती प्रदर्शित करती है। वैश्विक तापमान के 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक बढ़ने पर समुद्र का जलस्तर म 10 से 30 इंच (26 से 77 सेंटीमीटर) तक बढ़ने की सम्भावना है, जिससे तटीय तूफानों और बाढ़ से 10 मिलियन और लोगों को खतरा है। गर्मी की लहरें और भी बदतर होती रहेंगी, जिससे दुनिया की 14 प्रतिशत आबादी हर पांच साल में कम से कम एक बार अत्यधिक गर्मी की चपेट में आ जाएगी।
इस अवसर पर माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार श्री जितेंद्र सिंह जी, सुश्री दीपाली उपाध्याय, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग, श्री अभिजीत अग्रवाल, हेड- ऑफ सस्टेनेबिलिटी एंड सीएसआर, एक्सिस बैंक लिमिटेड, डॉ. एन कलैसेल्वी, डीजी, सीएसआईआर, डॉ. चिंतन वैष्णव और नीति आयोग ने भी पृथ्वी दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस कार्यक्रम ने सफलतापूर्वक प्रतिभागियों को ग्लोबल वार्मिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक तत्काल कार्रवाई से अवगत कराया गया । जनसामान्य को मौसम में होने वाले बदलाओं के प्रति जागरूक करने के लिए मौसम घड़ी का प्रदर्शन प्रतिभागी संस्थानों द्वारा किया जायेगा । इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से भी जनसामान्य को जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। कुल मिलाकर यह आयोजन एक बड़ी सफलता थी।