संचार नाउ। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रस्तावित इंटरनेशनल फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। फिल्म निर्माता बोनी कपूर की बेव्यू कंपनी और भूटानी ग्रुप द्वारा संयुक्त रूप से बनाई जा रही इस परियोजना का लेआउट यमुना प्राधिकरण को स्वीकार्य नहीं हुआ है। प्राधिकरण ने स्पष्ट आपत्ति जताते हुए लेआउट वापस भेज दिया है और निर्माण एजेंसियों को तीन दिनों के भीतर चरणबद्ध ढंग से नया लेआउट तैयार कर दोबारा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
तीन चरणों में बननी है फिल्म सिटी
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इंटरनेशनल फिल्म सिटी का निर्माण तीन चरणों में किया जाना है, जिसमें कुल 230 एकड़ भूमि शामिल है। इस परियोजना के अंतर्गत 175 एकड़ भूमि को इंडस्ट्रियल और 55 एकड़ को कमर्शियल उपयोग के लिए चिन्हित किया गया है। लेकिन डेवलपर्स द्वारा प्रस्तुत किया गया लेआउट संपूर्ण 230 एकड़ भूमि का एकमुश्त प्लान है, जो नियोजित चरणबद्ध प्रक्रिया का उल्लंघन करता है।
तीन प्रमुख आपत्तियां प्राधिकरण की तरफ से
डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्रस्तावित लेआउट में तीन बड़ी खामियां हैं:
- फेस-वाइज प्लान नहीं दिया गया है, जबकि फिल्म सिटी को तीन अलग-अलग चरणों में विकसित किया जाना है।
- लैंड यूज़ और लेआउट में स्पष्ट भिन्नता है – इंडस्ट्री और कमर्शियल हिस्सों की सीमाएं और उपयोग मूल योजना से मेल नहीं खा रहे।
- ग्रीन एरिया का विस्तार अनधिकृत रूप से कर दिया गया है, जिससे फिल्म सिटी के प्राथमिक उद्देश्य – फिल्म निर्माण गतिविधियों – में व्यवधान पड़ सकता है।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया उद्देश्य
सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने स्पष्ट कहा है कि यमुना क्षेत्र में फिल्म सिटी का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का फिल्म निर्माण केंद्र बने, न कि महज़ एक कमर्शियल और इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स। इसलिए सबसे पहले फिल्म निर्माण से जुड़ी सुविधाओं – जैसे स्टूडियो, पोस्ट प्रोडक्शन यूनिट, शूटिंग फ्लोर, ऑडिटोरियम आदि – का निर्माण किया जाना अनिवार्य होगा।
प्रस्तावित लेआउट में बिल्डर की मंशा पर सवाल
फिल्म सिटी निर्माणकर्ता कंपनी द्वारा जो लेआउट दिया गया है, उसमें प्राथमिकता कमर्शियल और ग्रुप हाउसिंग निर्माण को दी गई है, जो प्राधिकरण के उद्देश्यों के खिलाफ है। प्राधिकरण ने दो टूक शब्दों में कहा है कि यहां पहले फिल्म निर्माण से जुड़ी संरचनाएं बनेंगी, न कि बिल्डर फ्लैट और दफ्तर।
फिल्म निर्माण को प्राथमिकता, ग्रुप हाउसिंग को नहीं
यीडा के सीईओ ने स्पष्ट किया है कि फिल्म सिटी का प्राथमिक उद्देश्य फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना है, न कि कमर्शियल बिल्डिंग्स या ग्रुप हाउसिंग का निर्माण। प्राधिकरण चाहता है कि पहले शूटिंग फ्लोर, प्रोडक्शन स्टूडियो, पोस्ट प्रोडक्शन यूनिट्स, आर्टिस्ट रेसिडेंस और अन्य फिल्म संबंधी सुविधाएं तैयार हों। जबकि बिल्डर की ओर से प्रस्तुत लेआउट में पहले कमर्शियल एक्टिविटी शुरू करने का प्रयास किया गया है, जो योजना के मूल उद्देश्यों के विरुद्ध है।
सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट का जल्द होगा शिलान्यास
सीईओ ने बताया कि फिल्म सिटी का शिलान्यास जून के पहले सप्ताह में प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस संबंध में औपचारिक अनुरोध भेजा गया है। यमुना क्षेत्र में बनने वाली यह इंटरनेशनल फिल्म सिटी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश को फिल्म, मीडिया और मनोरंजन उद्योग का वैश्विक केंद्र बनाना है। प्राधिकरण की सख्ती यह सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है कि परियोजना की मूल भावना से कोई समझौता न हो। अगर निर्माणकर्ता कंपनियां निर्धारित मानकों का पालन करती हैं, तो यह फिल्म सिटी न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के फिल्म उद्योग के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव का केंद्र बन सकती है।