आगरा में यमुना ने 47 साल बाद फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ़ के कहर से शहर की 100 से ज्यादा काॅलोनियां डूब गई हैं। सड़कों पर चार-चार फीट पानी बह रहा है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। कई काॅलोनियों में 24 घंटे से बिजली नहीं है। बाढ़ से 60 से अधिक गांव भी प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में विस्थापित किया जा रहा है। शहर में एक लाख से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में है। वहीं बाढ़ प्रभावित बराैली अहीर के बाढ़ प्रभावित गांव मेहरा नाहरगंज में यमुना में नहाते समय डूबकर रवींद्र (20) की माैत हो गई। दो युवकों को लोगों ने बचा लिया।
वॉटर वर्क्स पर यमुना जलस्तर सोमवार शाम सात बजे 501.1 फीट था, जो बाढ़ के निशान (499 फीट) से 2.1 फीट ऊपर था। आखिरी बार 1978 में जलस्तर 508 फीट तक पहुंचा था। सोमवार को यमुना की बाढ़ में एक तरफ आबादी व खेत-खलिहान डूब गए। दूसरी तरफ संरक्षित स्मारकों के लिए भी खतरा खड़ा हो गया है।
ताज व्यू पाॅइंट डूब गया। महताब बाग, ग्यारह सीढ़ी पार्क, एत्माउद्दौला और ताजमहल तक पानी ही पानी है। बल्केश्वर में बाढ़ प्रभावित रजवाड़ा क्षेत्र के लोगों को आईटीआई बल्केश्वर में विस्थापित किया है। एडीएम वित्त शुभांगी शुक्ला ने बताया कि प्रभावितों का भोजन उपलब्ध कराया है। इसके अलावा राजस्व टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में हालात का जायजा लिया।
वहीं बरौली अहीर के गांव गढ़ी रामफल (बरौली गुर्जर) निवासी दीपक कुमार (18), रवींद्र सिंह (20) और भोपा निवासी कुंडौल सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे बाढ़ प्रभावित मेहरा नाहर गंज के पास यमुना नदी में नहाने गए थे। तीनों नहाते समय नदी में डूबने लगे। आसपास के लोगों ने दीपक व भोपा को सुरक्षित निकाल लिया, जबकि रवींद्र डूब गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद रवींद्र दलदल में फंसा मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 752 लोग प्रभावित
एक तरफ 47 साल बाद यमुना में बाढ़ का कहर है। दूसरी तरफ सोमवार को जारी हुए प्रशासन के आंकड़ों में सिर्फ 752 लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। एडीएम वित्त शुभांगी शुक्ला के अनुसार कैलाश मंदिर के पास 44 परिवार प्रभावित हैं जिनमें 128 बच्चे, 38 महिलाएं और 42 पुरुषों के अलावा 12 लोग 80 वर्ष से अधिक आयु वाले हैं।
आईटीआई बल्केश्वर में 35 परिवारों के 178 लोग विस्थापित हुए हैं। मेहरा नहारगंज में 42 परिवार प्रभावित हैं। बरौली गूजर स्थित ठार, पारौली, ठार कुर्ठ, कुमरगढ़, रामपुर और ठार किशन सिंह में 50 परिवार प्रभावित बताए हैं। तनौरा नूरपुर में 16 सहित कुल 192 परिवारों के 752 लोग प्रभावित हैं। जिनमें 166 परिवारों को बाढ़ राहत सामग्री वितरित की गई।
24 घंटे तक और बढ़ेगा यमुना का जलस्तर
सोमवार को मथुरा स्थित गोकुल बैराज से 1.60 लाख क्यूसेक पानी आगरा की तरफ प्रवाहित हो रहा है। ऐसे में अगले 24 घंटे में जलस्तर और बढ़ेगा। बाढ़ विकराल रूप ले सकती है। सोमवार शाम 7 बजे तक दयालबाग में मां गौरी टाउन, तनिष्क, राजश्री अपार्टमेंट, लोहिया नगर, ओपी स्कूल गली, अनुराग नगर, मोती महल, गांधी स्मारक, शंभूनाथ कॉलोनी आदि में पानी भरने से संपर्क कट गया है।
बाढ़ के बाद संक्रामक रोग फैलने का खतरा
दो दिन तक बाढ़ से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। प्रभावितों का कहना है कि बाढ़ का पानी घर व कॉलोनियों में घुसने से कीचड़ व गंदगी हो गई है। संक्रामक रोग फैलने का खतरा है। प्रशासन की तरफ से इंतजाम नाकाफी हैं। कई लोग बीमार हैं। बाढ़ से घर में रखे कपड़े, खाद्य सामग्री व अन्य सामान का नुकसान हुआ है। जिले में यमुना किनारे 10 हजार बीघा से अधिक फसल भी नष्ट होने का अनुमान है।
10 मिनट की दूरी दो घंटे में हो रही पूरी
आगरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से कई इलाकों में पानी भर गया है। कॉलोनियों से लेकर सड़कें तक जलमग्न हो गई हैं। पानी भरने से पुराने शहर में प्रतिदिन जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है। रविवार देर रात में हाथी घाट पर मार्ग के दोनों ओर बाढ़ का पानी भर गया। जलभराव होने पर सोमवार सुबह से ही यमुना किनारा मार्ग पर जाम की समस्या हो गई। लोगों को दस मिनट की दूरी तय करने में दो घंटे से अधिक समय लगा।
कालिंदी का रौद्र रूप अब गांवों के साथ शहरी क्षेत्र में भी दिखने लगा है। बल्केश्वर में यमुना से सटे कई इलाके बाढ़ की चपेट में है। प्रशासन ने कई परिवारों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से शरणार्थी शिविर में विस्थापित किया है। वहीं सड़कों पर भी यमुना का जल भरने से लोगों को परेशानी हो रही है। सोमवार को हाथी घाट रेलवे पुल के नीचे मार्ग के दोनों ओर चार फीट तक पानी भर गया।
इससे दिनभर जाम की समस्या रही। लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में घंटों जूझना पड़ा। पानी भरे मार्ग को पार करने में कई चार पहिया और दो पहिया वाहन बंद हो गए। पथाैली निवासी शरद कुमार ने बताया कि सुबह दस बजे हाथी घाट स्थित ट्रांसपोर्ट से सामान लेने आया था। दो बज रहे हैं अभी तक ट्रांसपोर्ट कंपनी तक नहीं पहुंच पाया हूं। जगह जगह जाम से निकलकर हाथी घाट आया तो यहां पानी में बाइक बंद हो गई।
बेलनगंज निवासी हर्षित गौड़ ने बताया कि रविवार रात हाथी घाट में पानी भरना शुरु हो गया। सुबह चार फीट तक पानी भर गया। जल्दी निकलने की कोशिश में दो ऑटो आमने सामने से टकरा गए। हालांकि ऑटो की रफ्तार कम होने से कोई हताहत नहीं हुआ। मोती गंज के संजीव खंडेलवाल ने बताया कि हाथी घाट पर पहली बार यमुना का पानी भरा है। यदि नगर निगम पंप की संख्या बढ़ा देता तो एक घंटे में पूरा पानी निकल जाता और लोगों को परेशान नहीं होना पड़ता।
गोदामों में पानी आने का खतरा, व्यापारी चिंतित
यमुना का पानी लगातार बढ़ने से कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है। बेलनगंज-मोतीगंज में कई व्यापारियों के गोदाम हैं। यहां पर खाद्यान्न समेत अन्य सामान भरा हुआ है। इन्हें खाली करने के लिए व्यापारियों ने कवायद शुरू कर दी है। सामान स्थानांतरित करने के लिए नए स्थानों पर गोदाम तलाशना शुरू कर दिया है।
श्री मोतीगंज खाद्य व्यापार समिति के अध्यक्ष महावीर प्रसाद मंगल ने बताया कि मोतीगंज के पास तक बाढ़ का पानी आ गया है। यमुना में पानी और बढ़ा तो गोदामों तक पहुंच जाएगा। यहां खाद्य कारोबारियों के गोदाम भी हैं, यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गोदामों को खाली करने के लिए अन्यत्र स्थान तलाशना शुरू कर दिया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के मंडल अध्यक्ष पंकज कुमार का कहना है कि बेलनगंज तक पानी आ गया है। पानी गोदाम में आने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में प्रशासन से मांग है कि व्यापारियों के लिए जरूरत पड़ने पर माल स्थानांतरण की व्यवस्था कराई जाए।
यमुना का जल सोमवार को कैलाश गांव के घरों के अलावा कैलाश महादेव मंदिर के गर्भगृह में तीन से चार फीट तक पानी भर गया। इससे लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए। सुरक्षित स्थान की तलाश में लोग भटकने को मजबूर हैं। इसके अलावा विद्युत विभाग ने सावधानी बरतते हुए क्षेत्र की बिजली काट दी है।
महंत संतोष गिरी ने बताया कि पानी की वजह से घर की दीवार में दरार आ गई है। जमीन पर रखा सामान भीगने से खराब हो गया है। वहीं कैलाश गांव निवासी दुर्गेश ने बताया कि उन्होंने पानी रोकने के लिए दरवाजे पर दीवार बनाई, लेकिन नाली के पाइप से पानी घर में भर गया है। बेड और सोफा खराब हो गया है। बिजली नहीं आ रही है, इसकी वजह से भी काफी दिक्कत हो रही है।
भक्तों में दिखा गजब का उत्साह
कैलाश मंदिर के प्रमुख मार्ग से लेकर मंदिर के अंदर तक पानी भरा है। फिर भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है। सोमवार को बाढ़ के पानी से होकर सैकड़ों श्रद्धालु महादेव के दर्शन करने पहुंचे।
रामलाल वृद्ध आश्रम से सड़क संपर्क कटा
कैलाश गांव से आगे यमुना किनारे स्थित रामलाल वृद्ध आश्रम से सड़क मार्ग का संपर्क कट गया है। रास्ते में यमुना का पानी भर जाने से लोगों को परेशानी हो रही है।