वाराणसी। पद्मश्री से सम्मानित योग गुरु शिवानंद का शनिवार को निधन हो गया। वह 129 वर्ष के थे। उन्हें 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। दुर्गाकुंड के कबीर नगर में रहते थे।
सांस लेने में दिक्कत होने पर बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान रात 8.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी अंत्येष्टि रविवार को उनकी भक्तों के आने के बाद होगी।
घरेलू औषधियों का सेवन बताते थे बाबा
दुर्गाकुंड के कबीरनगर में स्वामी शिवानंद का आश्रम है। इस आयु में भी वह निरंतर योग अभ्यास करते थे। अपने स्वस्थ्य रहने के पीछे वह संयमित दिनचर्या, योग-प्राणायाम और घरेलू औषधियों का सेवन बताते थे।
बांग्ला में अनुवादित श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करते थे
वे स्वयं बताते थे कि उनका जन्म आठ अगस्त 1896 को वर्तमान बांग्लादेश के सिलहट जिले के हरीपुर गांव में हुआ था। स्वामी शिवानंद प्रतिदिन भोर तीन बजे जागते और स्नानादि के बाद बांग्ला में अनुवादित श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करते थे।
वह कभी बीमार नहीं पड़े
बताते हैं वह कभी बीमार नहीं पड़े। वर्ष 2019 में कोलकाता व चेन्नई के अपोलो अस्पताल में जब उनकी जांच कराई गई थी तो उन्हें पूरी तरह स्वस्थ्य पाया गया था।
स्वामी जी के ही अनुसार योगासन उनके लंबे जीवन का कारण है। बताते थे कि वह प्रतिदिन सर्वांगासन करते हैं। इसे तीन मिनट करने के बाद एक मिनट का शवासन भी करते।