लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में 22 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पेश किया गया. इन प्रस्तावों में पर्यटन, शिक्षा, खनन, कृषि, बुनियादी ढांचा, और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों को मजबूत करने की योजनाएं शामिल हैं. ये फैसले राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. यह जानकारी प्रदेश सरकार की ओर से दी गई है.

पर्यटन नीति 2025 को हरी झंडीः यूपी सरकार के मीडिया सेल के अनुसार, कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पर्यटन सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी दी. इस नीति का लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना, और अयोध्या, वाराणसी, मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों के साथ अन्य पर्यटक स्थलों को विकसित करना है. इससे पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं, सुरक्षा, और आकर्षक अनुभव सुनिश्चित होंगे.
शिक्षा क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावाः कैबिनेट में उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए तीन निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी मिली. चन्दौसी (संभल) में राधा गोविंद विश्वविद्यालय, झांसी में गांधी विश्वविद्यालय, और फतेहपुर में ठाकुर युगराज सिंह विश्वविद्यालय के लिए प्रायोजक संस्थाओं को आशय-पत्र जारी किए जाएंगे. ये विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाने में मदद करेंगे.
खनन क्षेत्र में आधुनिकीकरणः भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के तहत उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन न्यास (तृतीय संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई. साथ ही, नदी तल और चट्टान खनिजों के खनन के लिए ई-निविदा और ई-नीलामी प्रणाली लागू होगी. इसके लिए एमएसटीसी लिमिटेड को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
कृषि और खाद्य क्षेत्र में सुधारः कैबिनेट मीटिंग में खाद्य एवं रसद विभाग ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान और मोटे अनाज (मक्का, बाजरा, ज्वार) की खरीद नीति तय की. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को 2025-26 में दो मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे. सहकारी संस्थाओं जैसे पीसीएफ, पीसीयू, और यूपीएसएस को धान खरीद के लिए अल्पकालिक ऋण लेने हेतु शासकीय गारंटी भी दी जाएगी.
कर्मचारी और प्रशासनिक सुधारः कार्मिक विभाग ने सेवाकाल में मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों की भर्ती नियमावली (14वां संशोधन) 2025 और लोक सेवा आयोग (कंप्यूटर अनुभाग) सेवा नियमावली (प्रथम संशोधन) 2025 को मंजूरी दी. ये बदलाव प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और पारदर्शी बनाएंगे.
बुनियादी ढांचे का विकासः वहीं, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए फर्रुखाबाद के रास्ते ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिली. साथ ही, रामपुर, अयोध्या, लखनऊ, और बागपत में नए शहरों के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत की गई.
न्याय और सुरक्षा व्यवस्थाः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की स्थापना हेतु इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई. इसके लिए सेंटेज चार्ज भी स्वीकृत किया गया.
नगर विकास और पर्यावरणः नगर विकास विभाग ने पालिका (केन्द्रीयित) सेवा नियमावली 1966 के 29वें संशोधन को मंजूरी दी. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने पर्यावरण (राजपत्रित) सेवा नियमावली 1995 में संशोधन को हरी झंडी दी.
सामाजिक कल्याण और उद्योगः समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति, जनजाति, और अन्य वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए पोर्टल खोलने और बजट की व्यवस्था को मंजूरी दी. हथकरघा विभाग ने संत कबीर टेक्सटाइल पार्क योजना के दिशा-निर्देश स्वीकृत किए. साथ ही, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने सेमीकंडक्टर नीति 2024 के तहत मेसर्स वामासुंदरी इन्वेस्टमेंट्स को संशोधित लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने का फैसला लिया.
लोक निर्माण और बजटः लोक निर्माण विभाग ने 2024-25 में विभिन्न परियोजनाओं के लिए बजट व्यवस्था और स्वीकृतियों को मंजूरी दी. ये फैसले सड़क, पुल, और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देंगे. इन फैसलों से उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास, शिक्षा, और रोजगार के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है. ये कदम राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.