संचार नाउ। बहराइच के ऐतिहासिक चित्तौरा क्षेत्र में स्थापित महाराजा सुहेलदेव स्मारक अब पूरी तरह से तैयार है। योगी सरकार आगामी 10 जून को महाराजा सुहेलदेव विजयोत्सव मनाते हुए इस भव्य स्मारक का लोकार्पण करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित होकर 17 टन वजनी और 40 फिट ऊंची अश्वारोही कांस्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यह प्रतिमा ऐतिहासिक महत्व रखने वाले महाराजा सुहेलदेव की वीरता और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है, जिन्होंने 11वीं सदी में गजनवी आक्रमणकारियों के विरुद्ध निर्णायक युद्ध में विजय प्राप्त की थी।
पद्मश्री रामसुतार ने गढ़ी ऐतिहासिक प्रतिमा
इस भव्य मूर्ति का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री रामसुतार और उनकी संस्था रामसुतार आर्ट क्रिएशन्स प्रा. लि. द्वारा किया गया है। यही मूर्तिकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रचयिता भी हैं। प्रतिमा का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की देखरेख में पूर्ण हुआ है।
आकर्षण के केंद्र में भव्यता और वीरता
यह कांस्य प्रतिमा महाराजा सुहेलदेव को उनके ऐतिहासिक स्वरूप में, घोड़े पर सवार योद्धा के रूप में दर्शाती है। इसमें उनकी दृढ़ता, तेजस्विता और नेतृत्व का प्रभाव स्पष्ट झलकता है।
प्रतिमा के विशिष्ट आयाम:
- वजन: 17 टन
- ऊंचाई: 40 फीट
- लंबाई: 40 फीट
- चौड़ाई: 17 फीट
- निर्माण लागत: लगभग ₹4.75 करोड़
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रखी थी। यह परियोजना पर्यटन विकास, ऐतिहासिक स्मारक और राष्ट्र गौरव से जुड़ी एक महत्त्वाकांक्षी पहल मानी जा रही है।
पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर को मिलेगा बढ़ावा
चित्तौरा झील के समीप बने इस स्मारक स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। इसके साथ ही एक विस्तृत पर्यटन कॉरिडोर, पार्किंग सुविधा, प्रदर्शनी केंद्र, और सांस्कृतिक मंच का भी निर्माण किया गया है। इससे बहराइच और आसपास के क्षेत्र को न केवल आर्थिक विकास मिलेगा बल्कि यह संस्कृति, इतिहास और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक के रूप में भी स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व में स्पष्ट किया है कि महाराजा सुहेलदेव का इतिहास सदियों तक दबाया गया, लेकिन अब समय आ गया है जब उनके बलिदान और पराक्रम को राष्ट्र स्मरण करे। इस स्मारक के माध्यम से युवाओं को प्रेरणा, पर्यटन को प्रोत्साहन, और संस्कृति को संरक्षण मिलेगा। बहराइच में बनने वाला यह ऐतिहासिक स्मारक उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लिए गौरव का प्रतीक होगा। महाराजा सुहेलदेव के अदम्य साहस और वीरता की गाथा को आने वाली पीढ़ियां इस भव्य स्मारक के माध्यम से जीवंत रूप में देख सकेंगी।