यूपी सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) निर्यातकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने के लिए वित्तीय सहायता देगी। विदेशों में स्टाल लगाने और डिजिटल मार्केटिंग के लिए मदद करेगी। इसके लिए एक माह पहले निर्यातकों को प्रोत्साहन ब्यूरो उत्तर प्रदेश में आवेदन करना होगा। त्वरित निर्यात विकास प्रोत्साहन योजना के तहत यह लाभ दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई आलोक कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक विदेशी या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वदेशी मेला-प्रदशर्नी, बायर्स सेलर्स मीट में शामिल होने या आयोजन के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। निर्यात उत्पदों के प्रचार-प्रचार के लिए विज्ञापन, कैटलॉग प्रिटिंग, वेबसाइट विकास, डिजीटल सामग्री विकास, डिजीटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया विज्ञापन पर आर्थिक सहायता दी जाएगी। विदेशी खरीददार को नमूना भेजने के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। गुणवत्ता नियंत्रण से संबंधित प्रमाणीकरण के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।

निर्यातक इकाई के व्यक्तिगत रूप से विदेशी मेला-प्रदशर्नी या बार्य सेलर्स मीट में शामिल होने और वहां स्थान किराये पर लेने पर खर्च राशि का 75 प्रतिशत या अधिकतम 3.25 लाख रुपये दिया जाएगा। मेला प्रदर्शनी में इकाई के मालिक, साझेदार, निदेशक या अधिकृत व्यक्ति द्वारा इकोनॉमी क्लास हवाई किराये खर्च का 75 प्रतिशत या अधिकतम 1.25 लाख रुपये दिया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल बी2बी एक्जीवीशन्स या बायर्स सेलर्स मीट में शामिल होने वाली इकाइयों के कुल खर्च का 75 प्रतिशत या 25000 रुपये प्रति फेयर के हिसाब से दिया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय मेलों में निर्यातक इकाइयों के व्यक्तिगत रूप से शामिल होने और वहां स्थान किराये पर लेने पर खर्च राशि का 75 प्रतिशत या 75 हजार रुपये दिया जाएगा। विदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मेला प्रदर्शनी या मीट में शामिल होने वाली इकाइयों को कुल व्यय राशि का 75 प्रतिशत या तीन करोड़ रुपये अधिकतम सहायता आयोजक संस्था को दिया जाएगा। परंपरागत विदेशी बाजारों के लिए न्यूनतम 20 निर्यातक इकाइयों तथा अपरंपरागत में 10 निर्यातक इकाइयों के शामिल होने की अनिवार्यता होगी। इकाइयों को आर्थिक सहायता के रूप में 50 प्रतिशत धनराशि अग्रिम और शेष बाद में किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वदेशी मेला प्रदर्शनी में शामिल होने पर खर्च का 75 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ रुपये आयोजक संस्था को उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें न्यूनतम 30 इकाइयों का शामिल होना अनिवार्य होगा। वर्चुअल मेल प्रदर्शन पर खर्च के लिए 25 लाख रुपये सहायता दी जाएगी। इसमें न्यूनतम 100 इकाइयों के शामिल होने की अनिवार्यता होगी। मेले या प्रदर्शनी में न्यूनतम 75 प्रतिशत विदेशी खरीददार होना चाहिए। डिजिटल मार्केटिंग व प्रचार-प्रसार पर खर्च का 75 प्रतिशत या एक लाख रुपये वित्तीय सहायता दी जाएगी।














