ओमप्रकाश राजभर के एक बार फिर बीजेपी के साथ जाने की अटकलों के बीच उनकी पार्टी के महासचिव अरविंद राजभर पर कुशीनगर में जानलेवा हमले की खबर है। इस हमले में अरविंद बाल-बाल बच गए। सुभासपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि भीड़ ने घेरकर उनकी गाड़ी पर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया। पत्थर बरसाए जाने लगे। खुद अरविंद राजभर ने वीडियो बयान जारी करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने हमले के लिए कुशीनगर के एक ग्राम प्रधान को जिम्मेदार बताया। अरविंद ने पुलिस पर भी कई आरोप लगाए हैं।
अरविंद का कहना है कि वह कुशीनगर के पडरौना कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के विश्वनाथ राजभर के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देने गए थे। कुछ दिन पहले विश्वनाथ राजभर की हत्या हो गई थी। विश्वनाथ के परिवारीजनों से मुलाकात कर अरविंद राजभर लौट रहे थे कि रास्ते में किसी साजिश के तहत भीड़ ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद उन पर हमला बोल दिया गया। भीड़ की अगुवाई ग्राम प्रधान कर रहे थे। अरविंद के अनुसार ग्राम प्रधान राजेन्द्र यादव हत्याकांड का मुख्य आरोपी भी है।
सुभासपा महासचिव ने कहा कि करीब ढाई सौ से तीन सौ लोगों ने उनकी गाड़ी को घेर कर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। उनकी गाड़ी का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। लोग हाथों में लाठी-डंडा लिए उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे। रास्ता खाली कराने के लिए सुरक्षा कर्मियों ने 35 से 40 मिनट तक कड़ी मशक्कत की लेकिन रास्ता खाली नहीं हुआ। इसके बाद बड़ी मुश्किल से जान बचाकर वह वहां से निकल पाए। अरविंद ने बताया कि वहां से निकलकर वह पूर्व विधायक रामानंद बौद्ध के यहां चले गए थे।
पुलिस पर लगाया आरोप
अरविंद राजभर ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गांव में मेरे जाने की सूचना पुलिस को दी गई थी लेकिन पुलिस ने पूरी लापरवाही बरती जिससे यह घटना घटी। उन्होंने कहा कि भीड़ में कई ऐसे संदिग्ध लोग थे जो कुछ भी कर सकते थे।
क्या बोली पुलिस
इस मामले में कुशीनगर पुलिस ने सभी पक्षों और तथ्यों की गहनता से जांच की जा रही है। जो भी जरूरी होगा वो कार्रवाई की जाएगी।