संचार नाउ। भारत सरकार में बतौर सहायक सचिव तैनात 5 आईएएस अफसर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, आईआईटीजीएनएल की स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) का अध्ययन करने बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहुंचे। इन अफसरों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और एसीईओ प्रेरणा सिंह के साथ बैठक कर टाउनशिप और एमएमएलएच-एमएमटीएच के बारे में जानकारी प्राप्त की।
भारत सरकार में बतौर सहायक सचिव तैनात 5 आईएएस अफसर उत्तर प्रदेश कैडर की आईएएस अफसर इशिता किशोर और सई आश्रित शाकमुरी, तमिलनाडु कैडर से आयुश गुप्ता, बिहार कैडर से आकांक्षा आनंद, हिमाचल प्रदेश कैडर से अंजलि गर्ग और बिहार कैडर से गरिमा लोहिया बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में जमीन अधिग्रहण से लेकर विकास कार्यों तक के बारे में जानकारी और अपने अनुभव साझा की। सीईओ ने कहा कि किसानों से जमीन लेकर उद्योगों को देने के पीछे मुख्य मकसद रोजगार और निवेश है, ताकि यहां के युवाओं को जीवकोपार्जन का एक जरिया बन सके। उन्होंने इन पांचों अफसरों को रोजगार सृजन की दिशा में कार्य करने की सीख दी।
वही एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने जमीन प्राप्त करने के एवज में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और एसीईओ प्रेरणा सिंह ने स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के बारे में जानकारी दी। एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में अब तक 25 से अधिक बड़ी कंपनियों को जमीन आवंटित किया गया है। इनमें से हायर जैसी कई बड़ी कंपनियां फंक्शनल भी हो चुकी हैं। ये कंपनियां अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 23 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी दे रहीं हैं।
एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने टाउनशिप में ऑटोमेटिक वेस्ट कलेक्शन सिस्टम, 24 घंटे बिजली-पानी और सुरक्षा सिस्टम पर जानकारी दी। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के अंतर्गत रेल, मेट्रो और बस टर्मिनल विकसित किए जाने के बारे में भी बताया। इन अफसरों के समक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर और परियोजनाओं पर प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। इन अफसरों को प्राधिकरण की तरफ से स्मृति चिन्ह के रूप में पौधे भी दिए गए। इसके बाद मौके पर जाकर निरीक्षण भी किया। इस दौरान आईआईटीजीएनएल की टीम भी मौजूद रहे।