उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के ज्वैलर्स डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी. सुल्तानपुर के जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं. लभुआ के एसडीएम विदुषी सिंह को इस मामले के जांच की जम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉक्टर गजेंद्र सिंह यादव ने इस पुलिस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज कराया है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं.
बीती 28 अगस्त को सुल्तानपुर शहर की ॐ आर्नामेंट ज्वेलरी शॉप पर बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिता था. दोपहर करीब 12 बजे दो बाइको पर आए 5 बदमाशों ने गन प्वाइंट पर शॉप से 1 करोड़ 40 लाख कीमत के जेवर व नगदी लूट कर ले गए थे. सभी बदमाशों ने अपना मुंह ढका हुआ था. लूट की घटना को अंजाम देने के बाद वह बाइको से नेशनल सिनेमा रोड से होकर भगा गए. बाद में सभी बदमाश बोलेरो गाड़ी में सवार होकर रायबरेली चले गए.
लूट की घटना में 12 बदमाश थे शामिल
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला. जांच पड़ताल में लूट की घटनाओं में 12 बदमाश शामिल पाए गए. पुलिस ने सभी बदमाशों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया. गिरोह के मुख्य सरगना विपिन सिंह ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. वहीं, एक आरोपी जौनपुर निवासी मंगेश यादव पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.
इन बदमाशों ने दिया था वारदात को अंजाम
ज्वेलरी की दुकान में डकैती डालने वाले 12 में से 9 बदमाश अमेठी के बताए जा रहे हैं. इनमें पुष्पेंद्र सिंह, त्रिभुवन, सचिन सिंह, विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अजय यादव, अरविंद यादव, विवेक सिंह, दुर्गेश सिंह, फुरकान, अनुज प्रताप, अरबाज, मंगेश यादव और अंकित यादव शामिल थे. इनमें से फुरकान, अनुज प्रताप, अरबाज, मंगेश यादव और अंकित यादव ने शॉप में डकैती की घटना को अंजाम दिया था. वहीं बाकी अन्य बदमाश इन्हें बैकअप दे रहे थे. बोलेरो गाड़ी का इंतजाम भी इनके द्वारा किया गया था.
अखिलेश यादव ने उठाए थे सवाल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि मंगेश की यादव जाति की वजह से एनकाउंटर में मारा गया है. वहीं, मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताया है. उनका कहना है कि जब डकैती का मुख्य सरगना आत्मसमर्पण कर चुका था तो सह-आरोपी मंगेश यादव भी आत्मसमर्पण कर सकता था. उनका कहना है कि मंगेश पर कोई बड़ा आपराधिक मामला दर्ज नहीं था और न ही वो आदतन अपराधी था.