Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण की 82वीं बोर्ड बैठक में बिल्डरों की मनमानी पर शिकंजा कसने और खरीदारों के अधिकार सुरक्षित करने को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। अब यमुना सिटी में खरीदार 10 फीसदी का भुगतान करने के बाद स्टैंप ड्यूटी जमा कर फ्लैट का मालिकाना हक प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही बिल्डर को बुकिंग करने वाले सभी खरीदारों की सूची भी यमुना प्राधिकरण में अनिवार्य रूप से जमा करनी होगी। इसके लिए प्राधिकरण ने निर्देश जारी किए हैं इस फैसले के बाद जहां बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगेगी वहीं खरीदारों को मालिकाना हक और उनका अधिकार आसानी से मिल पाएगा। ऐसा नहीं करने वाली बिल्डरों के प्लॉट प्राधिकरण के द्वारा कैंसिल किए जाएंगे।
दरअसल, यमुना प्राधिकरण ने 8000 बकायदारों को राहत देने के लिए आगामी 1 अक्टूबर से एक बार फिर वन टाइम सेटलमेंट (ओ टी एस) शुरू करने का निर्णय लिया है। कल यमुना प्राधिकरण की हुई बोर्ड बैठक में मेट्रो, रैपिड रेल, हेरीटेज सिटी आदि परियोजनाओं के लिए 30529 करोड रुपए ब्याज पर देने के लिए हुडको के प्रस्ताव को भी मंजूर किया गया है। इसके साथ ही 10 फ़ीसदी भुगतान में मालिकाना हक मिलने के बाद सर्किल रेट बढ़ने का असर नहीं होगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि बिल्डर और खरीदारों के बीच लगातार बढ़ रहे टकराव की शिकायत आ रही थी। जिनमें खरीदारों को बिल्डर की मनमानी का खामीयाजा भुगतना पड़ रहा था। जिसको लेकर यमुना प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए रेरा के नियम को ही लागू करते हुए यमुना सिटी के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में बिल्डर अब नए खरीददार रजिस्टर्ड बिल्डर बायर्स एग्रीमेंट के आधार पर फ्लैट की बुकिंग कर पाएगा। यानी बिल्डर बायर्स एग्रीमेंट के समय ही अब खरीदार को फ्लैट की रजिस्ट्री के स्टांप का पूरा खर्च करना होगा। बायर्स को कानूनी तौर पर मजबूती प्रदान करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
इसके साथ ही डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि अनिल कुमार सागर की अध्यक्षता में गुरुवार को यमुना प्राधिकरण की 82वी बोर्ड बैठक संपन्न हुई थी। जिसमें 36 प्रस्ताव पटल पर रखे गए थे इनमें से 20 से ज्यादा प्रस्ताव को आम सहमति से पारित किया गया है। इन सभी प्रस्तावों में से सबसे अहम प्रस्ताव खरीदारों को मालिकाना हक मुहैय्या करने का है। इसके बाद अब जहा बिल्डर की मनमानी पर रोक लगेगी वही खरीदारों के हित सुरक्षित हो पाएंगे।