ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बकाया रकम न देने और प्रोजेक्ट न पूरा करने वाले तीन शिक्षण संस्थानों के भी आवंटन निरस्त कर दिए हैं। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने इन भूखंडों को कब्जे में लेकर नए सिरे से आवंटन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यहां नए प्रोजेक्ट आ सकें और प्राधिकरण के बकाया रकम की भरपाई भी हो सके।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने हाल ही में संपत्ति से जुड़े विभागों की समीक्षा करते हुए बकायेदारों के आवंटन निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। पहले फेज में बड़े बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। कई बडे़ आवंटन निरस्त किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में अब संस्थागत विभाग ने तीन और भूखंडों के आवंटन निरस्त कर दिए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा हॉस्टल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को 2011 में कार्पोरेट ऑफिस के लिए 4080 वर्ग मीटर जमीन नॉलेज पार्क में (भूखंड संख्या-206) आवंटित की गई थी, जिसके एवज में बतौर प्रीमियम करीब 4 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। संस्था की तरफ से 2012 से 2021 के दौरान 18 किस्तों को भुगतान नहीं किया गया, जिसके चलते अब तक बतौर प्रीमियम करीब 16.96 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि की देयता हो गई है। लीजरेंट और अतिरिक्त प्रतिकर को मिलाकर आवंटी पर अब तक करीब 21.43 करोड़ रुपये बकाया हो चुका है। इस दौरान कई बार नोटिस भी जारी की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिसके चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आवंटन निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया है।
एसीईओ ने बताया कि पेलिकॉन फ्रेंड्स शक्ति समिति का भी बकाया भुगतान न करने पर आवंटन निरस्त किया गया है। पेलिकॉन फ्रेंड्स शक्ति समिति को 2011 में नर्सरी स्कूल के लिए 1000 वर्ग मीटर भूखंड (संख्या-एनएस-4) सेक्टर दो में आवंटित किया गया था, जिसके एवज में आवंटी को 60 लाख रुपये का भुगतान करना था, मगर आवंटी की तरफ से 2011 से 2023 के बीच किस्तों का भुगतन नहीं किया गया। प्रीमियम और अतिरिक्त प्रतिकर को मिलाकर करीब 2.44 करोड़ रुपये बकाया हो चुका है। इस बीच कई बार नोटिस भी जारी की गई, लेकिन कोई रेस्पोंस न मिलने पर यह कार्रवाई की गई। अदिति सिंह ने बताया कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान न करने पर एपी एजूकेशनल सर्विसेज का (संख्या-एनएस-82) सेक्टर फाई-थ्री में स्थित भूखंड का आवंटन भी निरस्त किया गया है। इसे 2006 में भूखंड आवंटित किया गया था। संस्था को बतौर प्रीमियम कुल 48.96 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था। संस्था की तरफ से 2013 के बाद कोई भुगतान नहीं किया गया, जिसके प्रीमियम, वार्षिक लीजरेंट और अतिरिक्त प्रतिकर को मिलाकर 1.80 करोड़ रुपये बाकी है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने साफ कहा है कि प्राधिकरण की बकाया धनराशि न चुकाने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे सभी आवंटन निरस्त कर दिए जाएंगे। प्लॉट कब्जे में लेकर नए सिरे से आवंटन किया जाएगा, ताकि यहां नए प्रोजेक्ट आ सकें और प्राधिकरण के बकाया रकम की भरपाई भी हो सके।