प्रयागराजः UPPSC की PCS Pre-RO/ARO Exam डेट को 36 घंटे से हजारों छात्र यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर जमा है. रात में भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा. छात्रों ने प्लास्टिक की बोतले पीटकर नारेबाजी की. पूरी रात छात्र आयोग के दफ्तर के बाहर सड़क पर प्रदर्शन करते रहे.वहीं, मौके पर भारी फोर्स तैनात रहा. छात्र लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. उधर, यूपी लोकसेवा आयोग की ओर से इस मामले को लेकर स्थिति साफ की गई है.
छात्र क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन: दरअसल, यूपी लोकसेवा आयोग की पीसीएस 2024 प्री परीक्षा और आरओ एआरओ भर्ती परीक्षा को दो दिन में अलग-अलग पालियों में करवाने के फैसले का छात्र विरोध कर रहे हैं. प्रतियोगी छात्र वन डे वन शिफ्ट में एक्जाम कराए जाने की मांग को लेकर सोमवार को यूपी लोकसेवा आयोग के दफ्तर के बाहर पहुंचे थे. आयोग के दफ्तर के बाहर भारी पुलिस तैनात थी. छात्रों ने बैरिकेडिंग को हटाकर पुलिस से भी धक्कामुक्की की थी. छात्र जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के चलते छात्र रात में भी आयोग के दफ्तर के बाहर डटे रहे. बीते 36 घंटों से छात्रों का यह प्रदर्शन जारी है.
आयोग के दफ्तर के बाहर रात में छात्रों ने प्रदर्शन जारी रखा. (video credit: etv bharat)कई जिलों के छात्र पहुंचे हैं: इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कई जिलों के छात्र पहुंचे हैं. इनमें कानपुर, लखनऊ, उन्नाव समेत कई जिलों के छात्र हैं. इस प्रदर्शन में प्रयागराज में तैयारी करने वाले छात्र भी बड़ी संख्या में शामिल हैं. छात्र लगातार कह रहे हैं कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
डिवाइड से लेकर सड़क तक जमेः रात में आयोग के दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में छात्र जमा रहें. सड़क, डिवाइडर, फुटपाथ समेत हर जगह छात्रों का हुजूम ही नजर आ रहा है. भीड़ को काबू में रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. छात्र खाली बोतले पीटकर नारेबाजी कर रहे हैं.छात्र नारेबाजी करते हुए वन डे वन शिफ्ट और बिना नॉर्मलाइजेशन के परीक्षा करवाने की मांग पर अड़े हुए हैं.
आयोग के दफ्तर के बाहर रात में डटे छात्र. (photo credit: etv bharat)बोतल पीटकर कर रहे हैं विरोधः आयोग के बाहर जुटी हजारों प्रतियोगी छात्रों की भीड़ आयोग के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ ही प्लास्टिक की पानी को बॉटल्स को पीट पीटकर नारेबाजी करते हुए नए अंदाज से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं का कहना है कि आयोग से की तरफ से उनकी मांग माने जाने का लिखित भरोसा नहीं मिलने तक वो आंदोलन को जारी रखेंगे.
75 जिले में क्यों नहीं हो रही परीक्षाः प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि आयोग 41 जिलों में पीसीएस प्री 2024 की परीक्षा आयोजित करने जा रहा है.जबकि इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित करवाया जा सकता था जिससे की परीक्षा एक ही दिन हो सके. आयोग ने ऐसा नहीं किया और कह दिया उनके मकान के अनुसार सेंटर नहीं मिले हैं. दो दिन में परीक्षा करवाने से आयोग को नॉर्मलाइजेशन करने की जरूरत पड़ेगी. प्रतियोगी छात्रों का तर्क है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है.प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि जब तक आयोग से उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे और आयोग के बाहर छात्र छात्राओं की भीड़ पूरी रात डटी रही.
परीक्षा को लेकर UPPSC ने जारी किया ये बयान
- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केन्द्रों पर कराई जा रही है, जहाँ किसी प्रकार की कोई गड़बड़ियों की कोई सम्भावना नहीं है.
- पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केन्द्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिससे योग्य छात्रों के भविष्य अनिश्चित्ता बन जाती है. इसे खत्म करने के लिए एवं संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केन्द्रों को हटाया गया है.
- सरकार एवं आयोग की मंशा छात्र हितों को संरक्षित करना एवं मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है.
- चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। देश के अन्य प्रतिष्ठित आयोगों तथा संस्थानों द्वारा भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है.
- आयोग ने परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने की महत्ता के दृष्टिगत अभ्यर्थियों के आग्रह पर ही दो पालियों में परीक्षा आयोजन का निर्णय लिया.
- अभ्यर्थियों को परीक्षा देने दूर न जाना पड़े, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.
- कतिपय अराजक तत्वों, अवैध कोचिंग संस्थानों, नकल माफिया द्वारा प्रतियोगी छात्रों को मिथ्या/भ्रामक जानकारी देकर बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है. छात्रों को ऐसी सूचनाओं से सावधान रहना चाहिए.
- परीक्षाओं की शुचिता के संदर्भ में अभ्यर्थियों ने ही पुरजोर से यह बात रखी थी कि स्वयं-वित्तपोषित विद्यालय परीक्षा केंद्र नहीं होने चाहिए, साथ ही साथ परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय से बहुत दूर नहीं होने चाहिए. अभ्यर्थियों की यह बात उचित थी इसीलिए Normalisation के संदर्भ में आयोग अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है और जिसको भी उसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था हो वह अभ्यर्थी दे सकते हैं जिससे कि समिति के समक्ष सारी चीज रखी जाएगी और जो शुचिता गुणधर्मिता,अभ्यर्थियों के हित में आवश्यक होगा उसका पालन किया जाएगा.