ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव के किसानों के लिए इलाहाबाद से राहत भरी खबर आई है। किसान की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि दो महीने के अंदर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दस प्रतिशत आबादी भूखंड देना होगा। इस आदेश से किसानों में खुशी की लहर है जबकि प्राधिकरण फैसले को चुनौती देने का मन बना रहा है।
प्रकाश प्रधान ने दाखिल की थी याचिका
सिरसा गांव के रहने वाले किसान प्रकाश प्रधान व विनोद वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अधिवक्ता रमेश कुमार पांडे ने बताया कि उन्होंने किसानों की तरफ से हाईकोर्ट में पैरवी की। इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्होंने उच्च न्यायालय को बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 2011 में याचिकाकर्ता गजराज सिंह के मामले में कहा था कि दस प्रतिशत भूखंड उन किसानों को मिलेंगे जो कि हाईकोर्ट गए। जिनके द्वारा अधिग्रहण को चुनौती नहीं दी गई। उन लोगों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा भूखंड नहीं दिए गए। इस फैसले से किसानों में नाराजगी थी।
मौत के बाद भी मिला भूखंड
अब जो याचिका किसान प्रकाश की तरफ से दाखिल की गई उसमें कहा गया कि प्राधिकरण ने एक ऐसे किसान को भूखंड आवंटित कर दिया था जिसकी वर्ष 2009 में मौत हो चुकी थी। उच्च न्यायालय ने पूरे मामले को सुनने के बाद ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं को भी इसी आधार पर आठ सप्ताह के भीतर दस प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड दिया जाए। आवंटन के बाद उच्च न्यायालय को इससे अवगत कराया जाए।