संचार नाउ | भारत को सौर ऊर्जा उत्पादन और तकनीकी नवाचार में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। समूह यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में 3 GW सोलर सेल और इंटीग्रेटेड सोलर इकोसिस्टम हब स्थापित करेगा। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश में 60 MW कैप्टिव सोलर + एनर्जी स्टोरेज (ESS) प्लांट भी लगाया जाएगा।

दरअसल, यमुना प्राधिकरण (YEIDA) ने आज इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए सेक्टर-8D में 100 एकड़ भूमि का एलओआई (Letter of Intent) जारी कर दिया है। कुल ₹3,000 करोड़ से अधिक के निवेश से स्थापित होने वाला यह प्रोजेक्ट न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को नवीकरणीय ऊर्जा संक्रमण में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
उन्नत तकनीकों का होगा इस्तेमाल
इस प्रोजेक्ट के तहत TOPCon और Perovskite-Tandem Cells जैसी उन्नत सौर तकनीकों का विकास किया जाएगा, जिनकी क्षमता 28–30% से अधिक दक्षता हासिल करने की है। इन नवाचारों से बिजली उत्पादन की लागत में 10–15% तक कमी आने की उम्मीद है, जिससे भारत वैश्विक सौर अनुसंधान एवं विनिर्माण में अग्रणी भूमिका निभा सकेगा।
घरेलू वैल्यू एडिशन और आयात पर रोक
इंटीग्रेटेड सोलर इकोसिस्टम में फ्रेम्स, एनकैप्सुलेंट्स और प्रोसेस कंज्यूमेबल्स जैसी सहायक इकाइयां भी शामिल होंगी। इससे न केवल देश में घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि वर्तमान में लगभग 90% आयातित सोलर मॉड्यूल्स पर निर्भरता भी कम होगी।
बड़े पैमाने पर होगा रोजगार सृजन
परियोजना से 1,200 से अधिक प्रत्यक्ष और 4,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर पैदा होंगे। साथ ही, यह पहल युवाओं में नवीकरणीय ऊर्जा और सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़ी उन्नत स्किल्स विकसित करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
आत्मनिर्भरता और ऊर्जा सुरक्षा की ओर कदम
समूह का कहना है कि यह प्रोजेक्ट न केवल सस्टेनेबल ग्रोथ को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा में भी अहम योगदान देगा। यह पहल प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत” और “ग्रीन एनर्जी” विज़न को भी नई गति देगा। इस निवेश से उत्तर प्रदेश सौर विनिर्माण का राष्ट्रीय और वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।













